Digital Health ID Card:
नई दिल्ली। आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन के तहत देश के नागरिकों को एक डिजिटल हेल्थ कार्ड बनेगा। दावा है कि इससे गरीब और मध्य वर्गीय परिवारों को बड़ी राहत मिलेगी। साथ ही अस्पताल में पर्ची बनाने से लेकर जांच रिपोर्ट इत्यादि को लेकर हमेशा घूमने की जरूरत नहीं पड़ेगी। सभी पर्ची डिजिटल रूप से एक सर्वर पर सुरक्षित रहेगी जिसके डिजिटल हेल्थ कार्ड के एक खास नंबर के जरिए देखा जा सकेगा।
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कैसे बनेगा डिजिटल हेल्थ कार्ड?
डिजिटल हेल्थ कार्ड को आप मोबाइल नंबर या आधार कार्ड की मदद से खुद ही ऑनलाइन बना सकते हैं या फिर किसी कॉमन सर्विस सेंटर या साइबर कैफे में जाकर बनवा सकते हैं। यदि आप खुद ही बनाना चाहते हैं तो ये अपने मोबाइल के ब्राउजर में ndhm.gov.in टाइप करके ओके करें। अब आपको इस वेबसाइट पर “हेल्थ आईडी” नाम से एक शीर्षक दिखेगा। इस पर क्लिक करके आप कार्ड की शर्तें पढ़ सकते हैं और कार्ड भी बनवा सकते हैं
क्या है डिजिटल हेल्थ कार्ड?
आपको सीधे शब्दों में बता दें कि डिजिटल हेल्थ कार्ड एक ऐसा कार्ड है जिसमें आपकी बीमारियों के इतिहास और पर्ची के बारे में पूरी जानकारी डिजिटल रूप से उपलब्ध होगी। जिस तरह से आधार कार्ड में आपके पहचान से जुड़ी पूरी जानकारी जैसे एड्रेस नाम, पिता का नाम आदि डिजटल रूप में उपलब्ध रहता है, उसी तरह डिजिटल हेल्थ कार्ड में भी आपके स्वास्थ्य से संबंधित पूरी जानकारी रहेगी। जिस तरीके से आप आधार कार्ड अपने पास रखते हैं, उसी तरीके से आप अपने डिजिटल हेल्थ कार्ड को भी साथ में रख सकेंगे।
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डिजिटल हेल्थ कार्ड के फायदे क्या-क्या हैं?
डिजिटल कार्ड का सबसे बड़ा फायदा यह है कि आपको डॉक्टर के पुराने पर्चे और टेस्ट की रिपोर्ट को साथ में लेकर जाने की जरूरत नहीं होगी।
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इसके अलावा यदि आपकी कोई टेस्ट रिपोर्ट खो गई है या कोई पर्ची खो गई है तो भी आपको परेशान होने की दरकार नहीं है। यदि आपके पास पुराने टेस्ट की रिपोर्ट नहीं है तो भी आपको फिर से टेस्ट नहीं करवाने होंगे। ऐसे में समय और पैसे दोनों की बचत होगी। देश के किसी भी कोने में इलाज कराने पर भी यूनीक आईडी नंबर से डॉक्टर आपकी पिछली स्वास्थ्य संबंधी दिक्कतों के बारे में जान सकेगा।