how long does corona vaccine helps body : नई दिल्ली। भारत में कोरोना वैक्सीन को लेकर हुई रिसर्च में दावा किया गया है कि करीब 30 फीसदी यानी हर 10 में से 3 लोगों में कोरोना वैक्सीन का असर मात्र 6 महीने तक रहता है। इसके बाद, इससे बनी इम्यूनिटी उनमें कमजोर या खत्म हो जाती है। यह तथ्य भारत में हुई एक रिसर्च से सामने आया है। यह रिसर्च हैदराबाद के AIG अस्पताल और एशियन हेल्थ केयर के साथ मिलकर पूरी की गई है। इसमें करीब 1600 से अधिक लोगों को शामिल किया गया था। इन सभी लोगों को वैक्सीन के दोनों डोज लग चुके थे।
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बुजुर्गों की तुलना में युवाओं में लंबे समय तक इम्यूनिटी बनी रहती है। गंभीर रोगों से जूझ रहे 40 साल से अधिक आयु वाले मरीजों में यह एंटीबॉडी 6 महीने में कम हो जाती है।
AIG अस्पताल के चैयरमैन डॉ नागेश्वर रेड्डी ने बताया कि इस रिसर्च का उद्देश्य लोगों को वैक्सीन के बाद मिली इम्यूनिटी के असर को जानना था। इसके साथ ही यह पता लगाना था कि किस आयुवर्ग में बूस्टर डोज की ज्यादा जरूरत है। उन्होंने बताया कि रिसर्च में लोगों की एंटीबॉडी लेवल की जांच की गई। कोरोना के खिलाफ एंटीबॉडी का स्तर कम से कम 100 एयू प्रति एमएल होना चाहिए। इससे कम होने पर संक्रमित होने का खतरा ज्यादा होगा।
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डॉ नागेश्वर रेड्डी ने बताया कि इम्यूनिटी का स्तर कम से कम 100 एयू प्रति एमएल होना चाहिए। लेकिन जिनमें इसका स्तर 15 तक पहुंच गया हो, उसमें मानना होगा कि इम्यूनिटी खत्म हो गई है। डॉ रेड्डी ने बताया कि ऐसा पाया गया है कि हाइपर टेशन और डायबिटीज जैसी गंभीर बीमारियों से जूझ रहे 40 साल से ऊपर के लोगों की इम्यूनिटी कमजोर हो गई है। करीब 6 प्रतिशत ऐसे भी थे, इनमें इम्यूनिटी का स्तर न्यूनतम स्तर पर था।
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