इलाहाबाद, यूपी। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने शादी की उम्र को लेकर बड़ा फैसला सुनाया है। कोर्ट के मुताबिक भारत का संविधान प्रत्येक बालिग नागरिक को अपनी मर्जी से धर्म अपनाने व पसंद की शादी करने की आजादी देता है।
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इस पर कोई वैधानिक रोक नहीं है। कोर्ट ने यह बात मुस्लिम युवती की हिंदू युवक से लिव इन रिलेशनशिप के मामले में कही। प्रेमी युगल ने कोर्ट से आग्रह किया था कि वो अपनी मर्जी से एक दूसरे के साथ हैं।
कोर्ट ने मुस्लिम युवती व उसके प्रेमी को सुरक्षा प्रदान करने का निर्देश देते हुए कहा कि सिर्फ विवाह के लिए धर्म परिवर्तन करना स्वीकार्य नहीं है। लेकिन अगर दो बालिग एक दूसरे को पसंद करते हैं तो उन्हें एक साथ जीने का अधिकार है।
इसमें उनके माता-पिता भी आपत्ति नहीं कर सकते। हालांकि कोर्ट ने ये भी कहा कि ये अंतिम निष्कर्ष नहीं है। वो युवती व य़ुवक की उम्र को देख ये बात कह रहे हैं। इस मामले में लड़की की उम्र 19 व उसके पार्टनर की 24 साल है।