Swarna Sharda Scholarship 2024: भोपाल। छत्तीसगढ़ और मध्यप्रदेश के प्रतिष्ठित समाचार चैनल IBC24.. खबरों के साथ-साथ लगातार अपने सामाजिक सरोकारों को भी निभाता आया है। समय-समय पर अलग-अलग कार्यक्रम आयोजित कर अपने विधाओं में बेहतरीन कार्य कर रहे लोगों को सम्मानित करता रहा है। इन कार्यक्रमों में एक स्वर्ण शारदा स्कॉलरशिप कार्यक्रम भी शामिल है। जिसके जरिए प्रदेश के होनहार बेटे-बेटियों का हौसला बढ़ाने के लिए प्रदेश का नंबर वन चैनल IBC24 स्कॉलरशिप राशि प्रदान करता है। इस वर्ष भी मध्यप्रदेश के स्वर्ण शारदा स्कॉलरशिप कार्यक्रम का आयोजन किया गया है। जिसमें मध्यप्रदेश की 12वीं की बोर्ड परीक्षा में स्टेट टॉपर बेटी को 1 लाख रुपए, उनके स्कूल को 1 लाख रुपए और जिले में प्रथम आने वाली बेटियों को 50-50 हजार रुपए प्रदान किया गया।
इसी क्रम में मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में आज सीएम डॉ. मोहन यादव ने प्रदेश में टॉप करने वालें 55 जिलों की छात्राओं और 10 संभागों के छात्रों को स्वर्ण शारदा स्कॉलरशिप से सम्मानित किया। सीएम मोहन यादव ने इस दौरान सभी छात्र और छात्रों को सिर में हाथ रखकर उन्हें आशीर्वाद दिया और उन्हें आगे बढ़ने की शुभकामनाएं दी।
बता दें कि इस दौरान सीएम मोहन यादव ने स्वर्ण शारदा स्कॉलरशिप से भोपाल संभाग के टॉपर आदित्य गौर को सम्मानित किया। आईबीसी 24 से बातचीत में आदित्य गौर कहते हैं कि वे भोपाल में एक गरीब परिवार से हैं। वे बचपन से अपने माता-पिता के साथ भोपाल में किराए से रह रहे हैं। उन्होंने आगे बताया कि मेरे एक बड़े भैया भी हैं, जो b.com. करने के साथ-साथ salsemen की जॉब भी करते हैं।पिताजी सब्जी और अनाज का ठेला लगाते है। जब मैं कक्षा 12 वीं में पढ़ता था तो मुझे रोजाना लगभग 7 km का रास्ता तय करने के बाद स्कूल और कोचिंग जाना पड़ता था। कोचिंग तो मैं साइकिल से चला जाता था,लेकिन थक जाने के कारण स्कूल ऑटो से जाता था। आर्थिक तंगी का सामना करते हुए भी मेरे पिताजी ने मुझे पढ़ने के लिए कोचिंग जाने की अनुमति दी।
Swarna Sharda Scholarship 2024: आदित्य ने आगे बताया कि पिताजी की यही मेहनत मुझे प्रोत्साहित करती थी। मेरे परिवार में रहने वाले सभी लोगों ने और सभी शिक्षकों ने मेरा बहुत सहयोग किया। स्कूल और कोचिंग में पढ़ाई करने के बाद मेरे पास पढ़ाई के लिए लगभग 3 से 4 घंटे ही शेष बचते थे जिसमें मैं सेल्फ स्टडी किया करता था। मैंने पिछले 3 सालों के सभी पेपर्स सॉल्व किए इसी के साथ जब मुझे समय मिलता था तो मैं यूट्यूब से भी पढ़ाई करता था। इससे मेरे सभी कॉन्सेप्ट और अच्छी तरह से क्लियर हुए। मैं अपनी इस सफलता का श्रेय अपने गुरुजनों और अपने परिवार को देता हुं। मेरी अपने गुरुजनों और भगवान से यही प्रार्थना है कि उनका आशीर्वाद मुझपर हमेशा बना रहे और मेरे एक सफल शिक्षक बनने तक वे मेरे साथ रहें।