Swarna Sharda Scholarship 2023

#SwarnaSharda2023 : दंतेवाड़ा जिले की टॉपर बनना चाहती है डॉक्टर, IBC 24 ने किया सम्मानित…

#SwarnaSharda2023 : Doctor wants to become the topper of Dantewada district, IBC 24 honored...

Edited By :  
Modified Date: July 31, 2023 / 07:19 PM IST
,
Published Date: July 31, 2023 7:17 pm IST

दंतेवाड़ा । IBC24 Swarna Sharda Scholarship 2023 : आईबीसी 24 समाचार चैनल की ओर से हर साल जिले की टॉपर बेटियों को दी जाने वाली स्वर्ण शारदा स्कॉलरशिप को लेकर कार्यक्रम सोमवार को शाम 4 बजे आयोजित किया गया। कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ के राज्यपाल विशेष रूप से शिरकत की। इस वर्ष प्रदेश के 33 जिलों की टॉपर्स बेटियों ने सीजी बोर्ड की बारहवीं की परीक्षा में सर्वाधिक अंक हासिल किए हैं।

पंचायत सचिव की बेटी को बनना है डॉक्टर

दंतेवाड़ा जिले के एक छोटे से गांव पालनार की रहने वाली वंदना सिन्हा ने छत्तीसगढ़ माध्यमिक शिक्षा मंडल द्वारा आयोजित बारहवीं बोर्ड की परीक्षा में पूरे जिले में टॉप कर अपने परिवार के साथ साथ स्कूल और उस आश्रम को भी गौरवान्वित किया है जहाँ रहकर उसने यह सफलता की है। वंदना के पिता सीताराम सिन्हा दंतेवाड़ा जिले के कुआकोंडा विकासखंड के अंतर्गत आने वाले गांव महारा होरनार ग्राम पंचायत के सचिव हैं। प्राथमिक और माध्यमिक शिक्षा तो उन्होंने जैसे तैसे अपने बच्चों को दिला दी लेकिन आगे की उच्च शिक्षा दिलाना उनके लिए बड़ी चुनौती थी। सीताराम सिन्हा का बड़ा बेटा हरकिशन भी पढ़ने में होशियार था और अभी वह चिन्नई से आईआईटी की पढाई कर रहा है। उनकी दूसरी बेटी वंदना भी पढ़ने में होशियार थी हाई स्कूल उनके गांव में था नहीं इसलिए उन्होंने अपनी बेटी को गीदम में छू लो आसमान नामक छात्रावास में भर्ती करा दिया।

यह भी पढ़े :  #SwarnaSharda2023 : गीतांजलि साहू ने घर से दूर रहकर हासिल किया लक्ष्य, IBC 24 ने दिया स्वर्ण शारदा स्कॉलरशिप 

यह आश्रम छात्रावास जिले के दूरदराज से आये बच्चों को रहने और पढ़ने की सुविधा उपलब्ध कराता है। रहने का इंतजाम होने के बाद वंदना ने गीदम के ही शासकीय कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में दाखिला ले लिया। शाला में पढ़ाई का अच्छा वातावरण था जिसका भरपूर फायदा वंदना को मिला और उसने बारहवीं की परीक्षा में 89 प्रतिशत अंक हासिल किये जो पूरे जिले में सर्वाधिक थे। वंदना की माँ सोनमती सिन्हा भी अपने परिवार की आर्थिक हालत को सुधारने के लिए अपने गांव में एक छोटी सी किरणे की दूकान चलती है। सामान्य परिवार की यह होनहार बेटी अपनी सफलता का श्रेय माता पिता और अपने गुरुजनों को देती है। आगे चल कर वह डॉक्टर बनना चाहती है जिसके लिए वह नीट की तैयारी कर रही है।