भोपाल: प्रदेश में बालिका शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए मध्यप्रदेश-छत्तीसगढ़ के प्रतिष्ठित न्यूज चैनल आईबीसी-24 की ओर से हर साल स्वर्णशारदा स्कॉलरशिप सम्मान कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है। (CM Shivraj Singh in Swarna Sharda Event) इस बार इस कार्य्रकम का आयोजन भोपाल में किया जा रहा हैं। आज प्रदेश के 12वीं कक्षा में जिलों में टॉप करने वाले छात्र-छात्राओं को सीएम शिवराज सिंह चौहान के हाथों स्वर्ण शारदा स्कॉलरशिप दी जाएगी।
इस पूरे कार्यक्रम के पहले सेशन में करियर काउंसलर प्रबीनु और करियर ट्रेनर मनीषा आनंद ने छात्रों का मार्गदर्शन किया तो वही दुसरे सेशन में एमपीआरआरडी की सीईओ और आईएएस अफसर तन्वी सुन्द्रियाल, जनजातीय कार्य विभाग मप्र शासन की उप सचिव सीधा प्रणय नागवंशी और भोपाल की डीसीपी आईपीएस श्रद्धा तिवारी ने अपने अनुभवों से छात्राओं का मार्गदर्शन किया। तीनो ही शीर्ष अफसरों ने बताया की मेहनत, लगन और इच्छाशक्ति के साथ आगे बढ़ने पर लक्ष्य जरूर हासिल होता है। जहां तक सफलता का सवाल है तो इसके लिए जरूरी है कि हमें हमेशा बैकअप प्लान रखना होगा। बिना बैकअप प्लांन के आगे बढ़ने से लक्ष्य की प्राप्ति में कई तरह की बढ़ाएं आ सकती है।
इसी कड़ी में स्वर्ण शारदा के चौथे सेशन में अपने अनुभव साझा किये मध्यप्रदेश के चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास कैलाश सारंग ने। मंत्री सारंग की अगुवानी की आईबीसी24 के एडिटर इन चीफ रविकांत मित्तल ने। मंच पर पहुंचे विश्वास सारंग का उपस्थित जनसमूह ने तालियों से स्वागत लिया। विश्वास कैलाश सारंग ने सभी के सामने अपनी सबसे बड़ी उपलब्धियों में शामिल चिकित्सा शिक्षा के हिन्दी रूपान्तरण का जिक्र किया। उन्होंने बताया कि देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निर्देशन और एमपी के सीएम शिवराज शिंग चौहान के मार्गदर्शन से यह संभव हो पाया। उन्होंने बताया कि चिकित्सा शिक्षा की शुरुआत हिन्दी में हो यह अपने आप मे काफी अनोखा लेकिन जटिल काम था। नई शिक्षा नीति 2020 के सामने आने के बाद वे इस पर काम करने का ठान चुके थे। (CM Shivraj Singh in Swarna Sharda Event) इसे लागू करने से पहले उन्होंने यह जानकारी जुटाई कि दुनिया के ऐसे कितने देश है जहाँ चिकित्सा की पढ़ाई उनकी मातृभाषाओ में होती है। इस तरह करीब 16 देशो के बारे में जानकारी मिली जो अपनी मातृभाषाओं में छात्र-छात्राओं को चिकित्सीय शिक्षा प्रदान करते है।
चिकित्सा शिक्षा मंत्री सारंग ने इस बात पर ख़ुशी जताई कि जो काम बीते 75 वर्षो में नहीं हो सका उसे उन्होंने अपने अफसरों और मेडिकल फैकल्टी की मदद से महज चार महीनो में पूरा किया। उन्होंने यह जानकारी भी दिया कि चिकित्सा की पढ़ाई में उपयोग होने वाले शब्दों का उन्होंने हिंदी में अनुवाद नहीं कराया बल्कि उनकी हिंदी रूपांतरण किया। इस तरह हिंदी में चिकित्सा की पढ़ाई कराने का जो जिम्मा उन्होंने उठाया था उसे पूरा करने पर वह खुद को गौरवान्वित महसूस करते है।
मध्यप्रदेश के लोकप्रिय मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान आज राजधानी भोपाल में स्वर्ण शारदा स्कॉलरशिप के कार्यक्रम में शामिल हुए। (CM Shivraj Singh in Swarna Sharda Event) उन्होंने राज्य और संभाग के मेधावी छात्र-छात्राओं को स्कॉलरशिप राशि के चेक के साथ प्रमाणपत्र सौंपा। मुख्य्मंत्री ने इस पूरे आयोजन के लिए आईबीसी 24 की सरहाना की। उन्होंने सभी छात्र-छात्राओं को शुभकामनाएं भी प्रेषित की। इसके आलावा मामा शिवराज ने वह उपस्थित छात्र-छात्राओं के सवालों के जवाब भी दिए। पढ़िए आप भी सवाल और उनके जवाब
एक छात्रा ने पूछा क्या हैं उनकी कामयाबी का राज
इस पर सीएम शिवराज सिंह चौहान ने बताया कि लक्ष्य तय करें की हम करना क्या चाहते हैं। जैसे आपने जिद ठानी, उसके लिए योजना बनाया, रोडमैप बनाकर उस पर मेहनत से चले होंगे तभी सफलता मिली होगी। इसी तरह के विचार उनके भी है कि लगन और परिश्रम से ही सफलता मिलती है।
सीएम ने बताया कि कभी कभी मन विचलित होता होगा। लेकिन सफलता के लिए जो जरूरी है वह है जिद। हमारा टारगेट तय होना चाहिए। लक्ष्य तक पहुँचने के लिए प्लानिंग होना चाहिए। घनघोर अनुशासन की भी जरूरत होती हैं। सफलता के लिए अच्छा स्वास्थ्य भी जरूरी। सीएम ने बताया की वह भी हरदिन 18 घंटे काम करते है जो वह पूरी प्लानिंग से करते है। कभी-कभी जब सफलता नहीं मिलती तो उदास हो जाते हैं, इसलिए जरूरी है मेडिटेशन। इस दौरान शिवराज सिंह ने गीता अक श्लोक भी पढ़ा और कहा मन के हारे हार है मन के जीते जीत। उन्होंने साफ़ किया कि ब्रह्माण्ड में कोई काम नहीं जो वो न कर सके। इस दौरान सीएम न बच्चों को विवेकानंद के विचारों से भी अवगत कराया।