सतना। बीती शाम सतना से कांग्रेस विधायक सिद्धार्थ कुशवाहा धरने पर बैठ गए। उनका यह धरना उन बेघर लोगों के न्याय दिलाने के लिए था। जिन्हें नगर निगम के अमले ने अतिक्रमण हटाने के नाम पर भरी बरसात में बेघर कर दिया। 60 से ज्यादा घरों को निगम के बुल्डोजरों ने निस्त नाबूत कर दिया। वहीं दूसरी तरफ प्रशासन ने बेघर लोगों के विस्थापन की कोई व्यवस्था भी नहीं की।
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बता दें कि बरसात के इन दिनों में खुले आसमान के नीचे रोते बिलखते बच्चों को देख कर विधायक का दिल पसीज गया और मौके पर पहुंचे धरने पर बैठ गए। साथ ही विधायक ने ऐसा करने वाले अधिकारियों को खुली चेतावनी भी दी है।
बीते दिन नगर निगम के अमले ने वार्ड नंबर 42 में 60 से ज्यादा पक्के मकानों को गिरा दिया। जिससे दर्जनों परिवार बेघर हो गए हैं। बताया जा रहा है कि यह सभी परिवार सरकारी जमीन पर पिछले 10 सालों से अपना मकान बनाकर रह रहे थे। आरोप है कि नगर निगम के अमले ने बिना किसी सूचना के इन सभी मकानों को अतिक्रमण के नाम पर हटाने की कार्यवाही कर डाली।
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देखने वाली बात यह कि बरसात के इन दिनों पर अपने परिवार को लेकर रह रहे इन गरीबों को निगम अमले ने बेघर तो कर दिया लेकिन उनके विस्थापन की भी कोई व्यवस्था नहीं की गई छोटे-छोटे बच्चे और महिलाएं समेत सैकड़ों लोग खुले आसमान के नीचे रहने को मजबूर हो गए हैं।
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पीड़ित परिवार अपनी फरियाद लेकर सतना विधायक सिद्धार्थ कुशवाहा के पास पहुंचे उन्हें देख विधायक का मन पसीज गया कारवाही स्थल पहुंचकर वे धरने पर बैठ गए। विधायक ने मौके पर से जिले के कलेक्टर समेत कई बड़े अधिकारियों को फोन लगाया लेकिन देर शाम तक मौके पर कोई भी नहीं पहुंचा। जिस बात से नाराज सतना विधायक सिद्धार्थ कुशवाहा ने अधिकारियों को चेतावनी भी दी है।
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