जगदलपुर। नक्सलियों द्वारा अपहरण किए गए टीआरएस नेता श्री निवास राव की हत्या कर दी है। उनका शव शुक्रवार दोपहर तेलंगाना बॉर्डर पर किस्टराम के एरमपाडू और पुट्टापाडू के बीच सड़क किनारे पड़ा मिला। शव के पास ही नक्सलियों ने पर्चे भी फेंके थे। शबरी एरिया कमेटी ने हत्या की जिम्मेदारी ली है।
श्रीनिवास राव की आखिरी लोकेशन छत्तीसगढ़ बॉर्डर पर मिली थी।
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नक्सलियों का आरोप है कि टीआरएस नेता राव तेलंगाना इंटेलीजेंस के लिए काम करते थे और लोगों को भी मुखबिरी के काम में लगा रहे थे। साथ ही यह भी आरोप लगाया कि आदिवासियों की 70 एकड़ जमीन पर कब्जा भी कर लिया था। जमीन मांगने पर नक्सली मामलों में पुलिस के साथ मिलकर पीड़ितों को फंसा रहे थे।
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जानकारी के मुताबिक, तेलंगाना के भद्रादी कोठागुड़म जिले में उनके गृहग्राम कोथुर से सोमवार रात को नक्सलियों ने टीआरएस नेता श्रीनिवास राव का अपहरण कर लिया था। राव की पत्नी दुर्गा राव का कहना था कि एक दर्जन से ज्यादा लोग उनके पति को अगवा करने आए थे। इस दौरान पहले राव की पिटाई की गई, इसके बाद घसीटते हुए घर से बाहर ले गए। इसके बाद से लगातार उनकी रिहाई के लिए परिवार के सदस्य नक्सलियों से गुहार लगा रहे थे। वहीं तेलंगाना और छत्तीसगढ़ की पुलिस उन्हें ढूंढने में लगी थी। शुक्रवार को उनकी लाश मिलने के बाद परिवार में शोक की लहर दौड़ गई।
टीआरएस नेता की हत्या की जिम्मेदारी नक्सलियों की शबरी एरिया कमेटी की सेक्रेटरी शारदा ने ली है।अपहरण के बाद तेलंगाना से राव को छत्तीसगढ़ लाया गया था। तेलंगाना के नक्सलियों ने सुकमा इलाके में तैनात नक्सलियों की बटालियन नंबर एक की मदद लेकर श्रीनिवास को दक्षिण सुकमा बॉर्डर वाले इलाके में रखे जाने की आशंका थी। राव की आखिरी लोकेशन भी चंदा-कोट्टापदु के जंगलों में मिली थी, जो छत्तीसगढ़ के जंगलों से मिला हुआ है।
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