इंदौर। लोकसभा चुनाव की थकान अब तक अधिकारी और कर्मचारियों की उतरी नहीं है, शायद यही वजह है कि प्रशासनिक संकुल में अब तक कई अफसर नदारद है या तो काम पर ध्यान नहीं दे पा रहे हैं, सीएम हेल्पलाइन पर इंदौर में हजारों शिकायतों का निराकरण नहीं हुआ है, और अब कलेक्टर ने सभी मामलों को जल्द से जल्द खत्म करने की चेतावनी दी है।
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दरअसल सीएम हेल्पलाइन और जन सुनवाई में आवेदन प्रस्तुत करने वाले व्यक्ति अपने प्रकरणों को लेकर एक आशा के साथ प्रशासन के पास आते हैं, ऐसे में प्रत्येक प्रकरण को पूरी संवेदनशीलता के साथ सुनाकर उसपर कार्रवाई करना हर अधिकारी की जिम्मेदारी होती है। लोकसभा चुनाव की वजह से सारा सरकारी महकमा काम पर लगा हुआ था, उसके खत्म होने के बाद कुछ अधिकारी छूट्टी पर चले गए।
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वहीं आचार संहिता और लोकसभा चुनाव के कारण पहले ही कई प्रकरण पेंडिंग पर है, और चुनाव के बाद से प्रकरणों में तेजी से बढ़ोतरी हो रही है। वहीं राजस्व प्रकरणों में सबसे अधिक केस है। तीन माह से अधिक लंबित नामांतरण,बंटवारा और सीमांकन के प्रकरणों के निराकरण के लिए विशेष अभियान चलाया जाएगा। सीमांकन के लंबित प्रकरणों के हर दिन निराकरण और विस्तृत काम योजना के साथ ही कैलेंडर तैयार किए जाएगें।
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कलेक्टर ने सीएम हेल्पलाइन पर ज्यादा फोकस करने के निर्देश दिए हैं ताकि एल-4 यानी मुख्यमंत्री और मुख्य सचिव स्तर पर गए प्रकरणों का निराकरण सबसे पहले किया जा सके। बता दे कि एक समय था जब इंदौर सीएम हेल्पलाइन पर इंदौर टॉप टेन और पहले पायदान पर हुआ करता था, लेकिन तीन महीनों से स्थिति में परिवर्तन दिखाई देने लगा है। अब कलेक्टर की सख्ती के बाद उम्मीद की जा रही है कि जल्द ही इंदौर में सीएम हेल्पलाइन के प्रकरणों का निराकरण होगा।
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