मुरैना। जिस चंबल को बीहड़ और डकैतों के लिए जाना जाता है उसी चंबल के दो मासूमों की एक छोटी पहल ने आज दुनिया के सामने चंबल के उस सच को लाया है जिससे दुनिया वाले अंजान हैं। चंबल के पानी में मदद करने वाला जज्बा कितना है इसका अंदाजा आद्रिका और कार्तिक जैसे बच्चों को देखकर लगाया जा सकता है। इन दोनों बच्चों ने पिछले साल 2 अप्रैल 2018 को हुए दंगो में ट्रेन यात्रा में फंसे हुए लोगों को खाना पहुंचाया था। बच्चों के इस काम की सोशल मीडिया पर जमकर तारीफ हुई और दिल्ली से भी राष्ट्रपति ने सम्मान के लिए बुलाया। अब प्रदेश सरकार ने भी बच्चोंं का सम्मान करने जा रही है। मुख्यमंत्री कमलनाथ 15 अगस्त को भोपाल में बच्चों का सम्मान करेंगे ।
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इन दो बच्चों में भले ही मासूमियत है लेकिन इनकी मासूमियत के पीछे एक ऐसी सोच है जिसकी आज समाज और दुनिया में बहुत ही कमी है। इन दो मासूम बच्चों ने सैकडों रेल यात्रियों तक खाना और जरूरत की चीजें पहुंचाई, जब वो दंगों के चलते ट्रेन में फंस गए थे। बिना अपने पैरेन्ट्रस को जानकारी दिए ये उन रेल यात्रियों की मदद करने निकल पड़े। इनको देखकर अगर हमारा समाज भी इसी तरह से जरूरत मंदों की मदद करने और एक दूसरे की सहायता करने लगे तो हमारे समाज की, हमारे देश की दशा और दिशा ही बदल सकती है।
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अब जब प्रदेश के मुख्यमंत्री बच्चों का सम्मान करेगें ऐसे में बच्चों ने भी 15 अगस्त को सीएम से मिलने के लिए खास तैयारी की है। कार्तिक को पेंटिंग का शौक है उसने सीएम कमलनाथ का स्कैच तैयार किया है जिसे वो 15 अगस्त को सीएम को भेंट करेगा, वहीं आद्रिता अपने हाथों से बनाई राखी सीएम कमलनाथ को भेंट करेगी। बच्चों में सीएम से मिलने को लेकर भारी उत्साह भी है।
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