Madhya Pradesh Ke Kilo Ka Rahasya : मध्यप्रदेश के ये हैं सबसे बड़े और ऐतिहासिक किले, गढ़कुंडार किले का रहस्य उड़ा देगा आपके भी होश…

Madhya Pradesh Ke Kilo Ka Rahasya : मध्यप्रदेश के ये हैं सबसे बड़े और ऐतिहासिक किले, गढ़कुंडार किले का रहस्य उड़ा देगा आपके भी होश...

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  • Publish Date - December 23, 2024 / 03:08 PM IST,
    Updated On - December 23, 2024 / 03:08 PM IST

Madhya Pradesh Ke Kilo Ka Rahasya : भोपाल। मध्य प्रदेश को हिंदुस्तान का दिल कहा जाता है क्योंकि यह राज्य भारत के बीच में है। मध्यप्रदेश में कई ऐतिहासिक धरोहर हैं। तो वहीं प्राचीन किलों की बात करें तो एक से एक रहस्यमयी किले हैं जो अपनी खूबसूरत नक्काशी और बेहतरीन कारीगरी के लिए जाने जाते हैं। ये किले भारत में ही नहीं बल्कि विश्व प्रसिद्ध भी हैं। इन किलों को देखने के लिए देश दुनिया से पर्यटकों का जमावड़ा लगता है। तो चलिए आज हम आपको बताते हैं कि मध्यप्रदेश में कौन से ऐतिहासिक मुख्य किले हैं।

मध्य प्रदेश के 5 प्रसिद्ध किले

1. ग्वालियर का किला

ग्वालियर का किला मध्य प्रदेश का सबसे प्रमुख किला है, जो 8वीं शताब्दी में बनाया गया था। यह किला अपने ऐतिहासिक महत्व और सुंदर वास्तुकला के लिए प्रसिद्ध है। ग्वालियर किले के अन्दर मन मंदिर, गुजरी महल, पानी के टैंक, कर्ण, जहागीर जैसी कई संरचनायें हैं। ग्वालियर किले की कहानी में एक और दिलचस्प पहलू है इसका संबंध रानी लक्ष्मीबाई से, 1857 के विद्रोह के दौरान, रानी लक्ष्मीबाई ने इस किले में शरण ली थी। लेकिन बाद में उन्हें अंग्रेजों ने पकड़ लिया था। ग्वालियर किला एक ऐसा स्थल है जो आपको आकर्षित करेगा और आपको अपनी समृद्ध इतिहास और संस्कृति के बारे में जानने का मौका देगा। यहां आप सुबह 10 बजे लेकर शाम 5:30 के बीच कभी भी घूमने के लिए जा सकते हैं।

2. ओरछा का किला

ओरछा किला मध्य प्रदेश के सबसे महत्वपूर्ण ऐतिहासिक स्थलों में से एक है। जो 16वीं शताब्दी में बुंदेला राजवंश के राजा रुद्र प्रताप सिंह द्वारा बनाया गया था। बेतवा नदी के किनारे मौजूद होने के चलते यह किला सैलानियों की पहली पसंद में शामिल रहता है ओरछा किले में राजा महल, शीश महल, फूल बाग, राय प्रवीण महल, और जहांगीर महल जैसे कई आकर्षण हैं जो पर्यटकों को आकर्षित करते हैं।

3. चंदेरी का किला

चंदेरी किला मध्य प्रदेश राज्य के चंदेरी शहर में बेतवा नदी के पास एक पहाड़ी के ऊपर स्थित एक प्रसिद्ध और ऐतिहासिक किला है। इसका उल्लेख महाभारत के महाकाव्य में भी पाया जा सकता है, जब इस क्षेत्र पर राजा शिशुपाल का शासन था। यह किला मालवा और बुंदेलखंड की सीमाओं में फैला हुआ है और इसकी सुंदरता को बढ़ाने के लिए हरे-भरे जंगलों, शांत झीलों और राजपूतों और सुल्तानों के कई पड़ोसी स्मारकों से घिरा हुआ है। चंदेरी किले की वास्तुकला बहुत ही अद्वितीय है, और इसमें कई महल, मंदिर और जलाशय हैं। किले के तीन द्वार हैं, जिनमें से मुख्य द्वार को “खूनी दरवाजा” के नाम से जाना जाता है। यह दरवाजा अपने आप में एक ऐतिहासिक महत्व रखता है, इसके बारे में कई कहानियाँ प्रचलित हैं।

4. मांडू का किला

मांडू का किला मध्य प्रदेश के धार जिले में स्थित एक ऐतिहासिक और रहस्यमय स्थल है। इसका निर्माण 6वीं शताब्दी में मुंजदेव नामक व्यक्ति ने किया था। यह किला अपनी सुंदर वास्तुकला, झीलों, तालाबों और ऐतिहासिक महत्व के लिए प्रसिद्ध है। मांडू किले की कहानी बाज बहादुर और रूपमती के प्रेम के इर्द-गिर्द घूमती है। बाज बहादुर मालवा सल्तनत के अंतिम सुल्तान थेरूपमती महल, जहाज महल और हिंडोला महल मांडू किले के कुछ प्रमुख आकर्षण हैं।

रूपमती महल उस स्मारक के रूप में जाना जाता है जहां रानी रूपमती पवित्र नर्मदा नदी के दर्शन के लिए जाया करती थीं। जहाज महल एक भव्य दो मंजिला महल है, जो दो कृत्रिम झीलों के बीच बना हुआ है। हिंडोला महल का नाम इसकी ढलान वाली दीवारों के कारण पड़ा है। मांडू किले का इतिहास और इसकी कहानियां इसे एक अद्वितीय और आकर्षक स्थल बनाती हैं। यदि आप इतिहास, संस्कृति और सुंदरता के प्रेमी हैं, तो मांडू किला आपके लिए एक अवश्य यात्रा स्थल है।

5. गढ़कुंडार किला

निवाड़ी जिले में स्थित गढ़कुंडार एक ऐसा किला है, जो बेहद रहस्यमय है। कहते हैं इसमें इतना खजाना है कि भारत अमीर हो जाए। 11 वीं सदी में बना यह किला 5 मंजिल बना है। 3 मंजिल ऊपर है, जबकि 2 मंजिल जमीन के नीचे है। इतिहासकारों के मुताबिक गढ़कुंडार बेहद संपन्न और पुरानी रियासत रही है। किले के आस पास रहने वाले स्थानीय लोग कहते हैं, कि काफी समय पहले यहां पास के ही गांव में एक बारात आई थी। बारात में शामिल लोग किले में घूमने निकले थे। किले में घूमते-घूमते वो लोग तलघर में चले गए, जिसके बाद वो रहस्यमय तरीके से अचानक गायब हो गए, जिनका आज तक पता नहीं चल पाया।

कहा तो ये भी जाता है कि किले में खजाना छिपा हुआ है। यह किला एक भूल भुलैया की तरह है। इस किले में खजाने की तलाश के चक्कर में कई लोगों ने जान भी गवाई है। बाद में किले के नीचे जाने वाले सभी दरवाजों को आम लोगों के लिए बंद कर दिया गया। बिना जानकारी के अंदर जाने के बाद कोई भी यहां दिशा भूल सकता है, क्योंकि तहखाने में दिन में भी अंधेरा रहता है।