अंबिकापुर। नगर निगम अंबिकापुर प्रदेश का एकमात्र ऐसा नगर निगम है जहां दो महापौर कार्य कर रहे हैं। एक महापौर और दूसरा डिप्टी महापौर अब जब नगरीय निकाय चुनाव करीब हैं तो इसे लेकर विपक्ष सत्ता पक्ष को घेरने के साथ ही सवाल खड़ा कर रहा है। विपक्ष का आरोप है कि तुष्टिकरण की राजनीति करने के लिए कांग्रेस ने न सिर्फ एक पद क्रिएट किया, बल्कि बिना किसी मतलब के डिप्टी महापौर बनाकर कांग्रेस के लोगों को खुश करने की कवायद की गई। जबकि अब तक डिप्टी महापौर की कोई उपयोगिता साबित नहीं हुई।
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इधर विपक्ष के आरोपों के बाद सत्ता पक्ष इसे भाजपा की खीझ बता रहा है। सत्ता पक्ष का कहना है कि डिप्टी महापौर नियम अनुरुप बनाए गए हैं और जब महापौर उपस्थित नहीं हो पाते तब डिप्टी महापौर की उपयोगिता साबित भी हुई है। दरअसल अंबिकापुर नगर निगम में कांग्रेस का कब्जा है और यहां डॉक्टर अजय तिर्की महापौर हैं। नगरीय निकाय के चुनाव में जब कांग्रेस सत्ता में आई तो डिप्टी मेयर पद सृजित करके यहां अजय अग्रवाल को डिप्टी मेयर बनाया गया।
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विपक्ष इस पद के सृजन से ही इसका विरोध कर रहा है, विपक्षी दल भाजपा का कहना है कि अब तक महापौर और सभापति नगर निगम में होते थे,मगर नगर निगम अंबिकापुर प्रदेश का एकमात्र नगर निगम है, जहां कांग्रेस तुष्टिकरण की राजनीति के लिए डिप्टी मेयर बनाकर अपने कार्यकर्ताओं को खुश करने की राजनीति कर रही है। ऐसे में भाजपा अब इसे मुद्दा बनाकर सत्ता पक्ष के खिलाफ हमला बोलने की तैयारी में है। भाजपा का साफ तौर पर आरोप है कि कांग्रेस में गुटबाजी ज्यादा है ऐसे में गुटों को संतुष्ट करने के लिए कांग्रेस ने डिप्टी मेयर पद की राजनीति की है।
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इधर अब नगर निगम चुनाव नजदीक होने के बाद विपक्ष के हमलों को सत्ता पक्ष विपक्ष की खीझ बता रहा है। कांग्रेस का कहना है कि डिप्टी महापौर पद नियम अनुरूप बनाया गया है और डिप्टी महापौर की उपयोगिता नगर निगम में साबित हुई है महापौर डॉक्टर अजय तिर्की का कहना है कि डिप्टी मेयर की उपयोगिता जब महापौर उपस्थित नहीं होता है तो बेहद महत्वपूर्ण होती है और भाजपा भले ही इसे असंवैधानिक बता रही हो मगर इस पद का सृजन संविधान के अनुरूप किया गया है। ऐसे में कहा जा सकता है कि नगरीय निकाय चुनाव नजदीक होने के साथ ही विपक्ष सत्ता पक्ष मुद्दे ढूंढ़ने में लग गए हैं। देखना होगा कि नगरीय निकाय चुनाव में इसका असर जनता पर पड़ता है या नहीं।
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