भोपाल। मध्य प्रदेश कांग्रेस के पुराने आदिवासी नेता बिसाहूलाल सिंह ने पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की उपस्थिति में भाजपा का दामन थाम लिया। बिसाहूलाल सिंह भी उन चार विधायकों में शामिल थे जो काफी समय तक बेंगलुरु में रहे। दो दिन पहले ही बिसाहूलाल सिंह बेंगलुरु से वापस भोपाल लौटे थे। उन्होंने कहा था कि वह तीर्थ यात्रा पर गए थे।
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बिसाहूलाल सिंह ने कहा, ‘अब हमारे नेता शिवराज सिंह चौहान हैं। अब वह कहेंगे तो मंत्री बनेंगे, नहीं तो पब्लिक के नेता बने रहेंगे।’ उन्होने कहा, ‘इंदिरा गांधी जी के समय मैं और कमल नाथ जी एक साथ कांग्रेस मे आये थे। मध्य प्रदेश का सबसे वरिष्ठ विधायक होने के बावजूद मेरी उपेक्षा की गई। मेरे क्षेत्र में अपने पसंद के अधिकारियों की तैनाती कर मुझे प्रताड़ित किया गया। कांग्रेस पार्टी के काम करने के तरीके से मैं बहुत दुखी हूं। मैं किसी के दबाव मे नहीं हूं और अपनी स्वेच्छा से इस्तीफा दे रहा हूं। मैं गरीबों और किसानों के नेता शिवराज सिंह चौहान जी के साथ हूं।’
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बिसाहूलाल सिंह ने इस बात से भी इनकार किया कि उन्हें बेंगलुरु में भाजपा ने बंधक बनाकर रखा था। उन्होंने कहा कि वह अपनी मर्जी से बेंगलुरु गए थे और भाजपा का उससे कुछ लेना देना नहीं था। मैं जब कांग्रेस में था तब भी 15 वर्षों तक शिवराज जी के पास आता था और वह हमेशा मेरी बात सुनते थे। मैंने अपनी स्वेच्छा से कांग्रेस पार्टी से इस्तीफा दे दिया है और भाजपा जॉइन कर रहा हूं। आने वाले समय मे अधिकांश विधायक कांग्रेस छोड़कर बीजेपी मे आएंगे।’
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