किन्नरों का पहला सामुदायिक भवन, 25 से ज्यादा किन्नरों का बना बसेरा.. सभी ने भविष्य गढ़ने का सपना संजोया

किन्नरों का पहला सामुदायिक भवन, 25 से ज्यादा किन्नरों का बना बसेरा.. सभी ने भविष्य गढ़ने का सपना संजोया

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  • Publish Date - June 27, 2021 / 10:49 AM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:43 PM IST

रायपुर। किन्नर.. यह शब्द सुनते लोगों के दिमाग में सालों से बनी वो छवि अब बदलने वाली है। दरअसल किन्नर समुदाय के लिए बना राज्य का पहला सामुदायिक भवन ‘गरिमा गृह’ किन्नरों के लिए वरदान साबित हो रहा है। 1 अप्रैल से शुरू हुए इस भवन को अब तक 25 से अधिक किन्नरों ने अपना बसेरा बना लिया है। यहां पर छत्तीसगढ़ कि ही नहीं बल्कि चंडीगढ़ ओडिशा से भी किन्नर आकर रह रहे हैं।

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पहले सड़कों पर, ट्रेनों में या बस्तियों में भीख मांगने वाले ये किन्नर अब अपनी आंखों में कई नए अरमानों को सजाएं यहां रह रही हैं। यहां रहने वाली कुछ किन्नर कॉम्पिटेटिव एग्जाम्स की तैयारी कर रही हैं तो कुछ किन्नर मॉडल बनने की, कुछ मेकअप आर्टिस्ट भी बनना चाहती हैं। 25 लोगों के 25 अलग-अलग ख़्वाब हैं जिन्हें पूरा करने में गरिमा गृह मददगार साबित हो रहा है।

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जिनको उन्हीं के घर वालों ने स्वीकार नहीं किया अब गरिमा उनका परमानेंट एड्रेस बन चुका है। यहां रहने वाले लोगों की दिन की शुरुआत योग से होती है। भगवान की पूजा आरती कर यह सभी अपने-अपने क्लासेज अटेंड करनी में व्यस्त हो जाते हैं और फिर शाम अपने दोस्तों के साथ।

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यहां रह रहीं किन्नर कहतीं हैं कि अब उन्हें लगने लगा है कि वह सब समान ही है। पहले ऐसा लगता था कि जैसे कुछ अजीब है कुछ अलग है लेकिन अब सब एक जैसा ही लगता है।

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हमेशा से ही समाज के हास्य पर रहा यह समुदाय अब अपने सामुदायिक भवन में हंसी खुशी जिंदगी बसर कर रहा है जिसके जो सपने हैं वह उसके अनुसार ट्रेनिंग ले रहा है और उन्हें पूरा करने की ओर एक और कदम बढ़ा रहा है।