रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की संवेदनशीलता से एक दिव्यांग बच्चे की दिली ख्वाहिश पूरी हो गई, वह भी तब जबकि उस बच्चे ने मुख्यमंत्री से मिलकर गुहार भी नहीं लगाई। सिर्फ मीडिया में आई खबरों को पढ़-सुनकर मुख्यमंत्री भूपेश ने रायगढ़ जिला प्रशासन को बच्चे की मदद करने के निर्देश दिए। नतीजा यह हुआ कि जो बिना हाथ-पैर का जो बच्चा लंबे समय से प्रशासन से मदद की गुहार लगा रहा था, उसकी मदद सिर्फ दिन में हो गई और वह अब खुश है।
दरअसल रायगढ़ जिले के धरमजयगढ़ विकासखंड में रहने वाले गरीब परिवार का नन्हा बालक गोविंद न केवल अस्थि बाधित बल्कि उसके दोनों हाथ और पैर भी। गोविंद के पिता कृष्ण किसान हैं। दिव्यांग बालक गोविन्द गोपाल के दोनों हाथ और पैर नहीं हैं, वह पढ़ लिखकर जीवन में कुछ बनना चाहता है। उसकी यह चाहत थी कि उसे व्हील चेयर मिल जाए, क्योंकि अभी उसके दादाजी उसे गोद में बैठाकर रोज स्कूल ले जाते है।
इस खबर की जानकारी मिलते ही मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अधिकारियों को निर्देश दिए। इसके बाद आज रविवार की छुट्टी होने के बाद भी कुछ ही घंटों में जिला प्रशासन की ओर से समाज कल्याण विभाग के उप संचालक आरके साहू और धरमजयगढ़ बीएमओ डॉ. बीएल भगत गोविंद के गांव पहुंच गए। अधिकारियों ने वहां उसके घर जाकर उसे तुरंत दिव्यांगता प्रमाण-पत्र के साथ व्हील चेयर भी दिया।
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अब नौ साल का यह दिव्यांग बालक गोविन्द गोपाल आसानी से स्कूल जा सकेगा और अपनी पढ़ाई कर सकेगा। इस नन्हें बालक के दोनों हाथ पैर नहीं होने के कारण उसे कृत्रिम हाथ और पैर लगाए जाएंगे। इसके लिए अधिकारियों ने आज उसके हाथ-पैरों का नाप भी लिया।