भोपाल। पूर्व विधानसभा अध्यक्ष एनपी प्रजापति ने बड़ा आरोप लगाते हुए कहा है कि मध्यप्रदेश में मार्च में हुए राजनीतिक उठापटक के बीच उनके ऊपर कुछ समय तक बहुत दबाव डाला गया था। उन्होने कहा कि बीजेपी का उस समय पूरा ध्यान सरकार गिराने पर था कोरोना की रोकथाम पर नहीं।
ये भी पढ़ें:27 अप्रैल तक बंद रहेंगी किराना, सब्जी सहित सभी दुकानें, जिला प्रशासन ने जारी किया टोटल लॉक डाउन का आदेश
एनपी प्रजापति ने राजभवन की भूमिका पर भी सवाल उठाया, उन्होने कहा कि राजभवन से रात को दो-दो और तीन-तीन बजे तक चिट्ठियां भेजी जाती थीं, बंगले का दरवाजा खटखटाया जाता था। पूर्व विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि उस समय कोरोना पर ध्यान नही दिया गया जिससे मध्यप्रदेश की आज ये हालत हो गई है। उन्होने कहा कि कोरोना संकट के कारण कई राज्यों की विधानसभा स्थगित हो गई थी जिसके बाद हमने 26 मार्च तक विधानसभा स्थगित करने का निर्णय लिया था। लेकिन बीजेपी इस मामले को सुप्रीम कोर्ट ले गई।
ये भी पढ़ें: राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल बोले- संकट काल में लोग…
गौरतलब है कि मध्यप्रदेश में सियासी उठापटक के बीच कमलनाथ के नेतृत्व वाली कांग्रेस की सरकार गिर गई जिसके बाद बीजेपी ने शिवराज सिंह के नेतृत्व में सरकार बनाया है, इस दौरान विधानसभा अध्यक्ष रहे एनपी प्रजापति ने पहले तो 6 मंत्रियों की विधानसभा सदस्यता खत्म की थी बाद में 22 विधायकों का इस्तीफा भी मंजूर किया था। जिसके बाद बहुमत परीक्षण की निर्देश सुप्रीम कोर्ट से मिला था और फ्लोर टेस्ट के पहले ही कमलनाथ ने इस्तीफा सौंप दिया था।
ये भी पढ़ें:जबलपुर में IPS अधिकारी समेत 9 कोरोना मरीज आए सामने,…