मंदिर के महंत एवं पुजारी ने खुद रची थी हमले की साजिश: पुलिस | Temple's mahanta and priest themselves hatched attack plot: police

मंदिर के महंत एवं पुजारी ने खुद रची थी हमले की साजिश: पुलिस

मंदिर के महंत एवं पुजारी ने खुद रची थी हमले की साजिश: पुलिस

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Modified Date: November 29, 2022 / 08:31 PM IST
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Published Date: October 17, 2020 12:26 pm IST

गोंडा, (उप्र) 17 अक्‍टूबर ( भाषा) गोंडा पुलिस ने दावा किया है कि इटियाथोक थाना क्षेत्र के तिर्रे मनोरमा में स्थित रामजानकी मंदिर के पुजारी पर हुए जानलेवा हमले की साजिश स्वयं उसने, महंत एवं ग्राम प्रधान साजिश रची थी।

शनिवार को दोपहर बाद जिलाधिकारी डाक्‍टर नितिन बंसल और पुलिस अधीक्षक (एसपी) शैलेश कुमार पांडेय ने एक साझा प्रेसवार्ता में बताया कि इस मामले में महंत वृन्दारण त्रिपाठी उर्फ सीताराम दास, ग्राम प्रधान विनय कुमार सिंह समेत सात अभियुक्तों को गिरफ्तार किया गया है और इस घटना में प्रयुक्त असलहा एवं मोबाइल बरामद किया गया। लखनऊ के किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय में उपचाराधीन पुजारी अतुल त्रिपाठी उर्फ सम्राट दास भी साजिश में शामिल होने के कारण पुलिस निगरानी में हैं।

पुलिस ने बताया कि बीते 10 और 11 अक्टूबर की रात करीब दो बजे ऐतिहासिक श्रीराम जानकी मन्दिर में सो रहे पुजारी अतुल त्रिपाठी उर्फ सम्राट दास को गोली मारकर घायल कर दिया गया था। इस सम्बन्ध में मंदिर के महन्त वृन्दारण त्रिपाठी उर्फ सीताराम दास ने थाने में मुकेश सिंह, भयहरण सिंह , अमर सिंह तथा दरोगा सिंह के खिलाफ अभियोग दर्ज कराया था। पुलिस ने तत्परता पूर्वक कार्रवाई करते हुए मुकदमें में नामजद दो अभियुक्तों को अगले दिन गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था।

अधिकारियों ने बताया कि जिले के एक प्रमुख मंदिर के पुजारी पर हमला होने के कारण अयोध्या के कई संत महंतों ने आकर पुलिस को खरी-खोटी सुनाई थी तथा सख्त कार्रवाई की मांग की थी। एसपी ने बताया कि उन्‍होंने अपर पुलिस अधीक्षक और क्षेत्राधिकारी के नेतृत्‍व में घटना की जांच के लिए पांच टीमें गठित की थी।

पुलिस अधीक्षक ने ग्राम तिर्रे मनोरमा में श्रीराम जानकी मन्दिर की करीब 120 बीघा जमीन है, जिसको लेकर महन्त सीताराम दास एवं पूर्व प्रधान अमर सिंह के बीच विवाद चल रहा है तथा मौजूदा ग्राम विनय सिंह एवं पूर्व प्रधान के बीच प्रधानी की चुनावी रंजिश भी चल रही है। उन्‍होंने बताया कि अति महत्वाकांक्षी होने के कारण महंत सीताराम दास और विनय सिंह ने आपस में योजना बनाई कि अगर किसी गम्भीर मामले में फंसाकर अमर सिंह को जेल भिजवा दिया जाए, तो हम दोनों का मार्ग निष्कंटक हो जायेगा तथा फिर साजिश के तहत यह तय किया गया कि पुजारी सम्राट दास को इस तरह गोली मारी जाए कि गोली लग भी जाए और उनकी जान भी बच जाए।

क्षेत्राधिकारी सदर लक्ष्मी कांत गौतम ने बताया कि घटना में नामजद होने के कारण गिरफ्तार कर जेल भेजे गए दो आरोपियों को यथाशीघ्र जेल से रिहा कराने की कार्रवाई शुरू की जाएगी। इसके लिए विवेचक की तरफ से कल तक प्रत्येक दशा में रिपोर्ट न्यायालय को प्रेषित कर दी जाएगी। इसके अलावा अब तक गिरफ्तार नहीं किये गये पूर्व प्रधान अमर सिंह समेत दो व्यक्तियों की नामजदगी को निरस्त करते हुए उनका नाम भी मुकदमा से निकाल दिया जाएग।

भाषा सं आनन्‍द

राजकुमार

राजकुमार

 

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