जयपुर। राजस्थान में अशोक गहलोत सरकार पर संकट के बादल मंडराते नजर आ रहे हैं, एक ओर जहां शनिवार को सीएम गहलोत ने बीजेपी पर सरकार गिराने का आरोप लगाया था वहीं बीजेपी ने इसे कांग्रेस का आपसी कलह करार दिया है। शनिवार को राजस्थान का सियासी घटनाक्रम तेजी से बदलता नजर आया, जिसके बाद यह कयास लगाए जाने लगे कि क्या मध्यप्रदेश की कहानी यहां भी दोहराई जाएगी।
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राजस्थान के सीएम गहलोत और डेप्युटी सीएम सचिन पायलट के बीच आपसी खींचतान की चर्चाएं गर्म हैं। इन चर्चाओं को बल तब मिला, जब शुक्रवार से पायलट दिल्ली में है। इतना ही नहीं, शनिवार की रात हरियाणा के मानेसर में राजस्थान के 24 विधायक एक बड़े होटल में पहुंचे। यह कुछ वैसी ही स्थिति बनती दिख रही है, जैसे मध्यप्रदेश में ज्योतिरादित्य सिंधिया के समर्थक तमाम विधायक पहले हरियाणा के गुड़गांव और फिर कर्नाटक में जाकर एक रिसोर्ट में ठहरे थे।
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तमाम चर्चाओं के बीच एक चर्चा यह भी है कि पायलट बीजेपी के संपर्क में हैं। सूत्रों के मुताबिक, पार्टी की ओर से जब संपर्क करने की कोशिश की गई तो राजस्थान के कई विधायकों के फोन स्विच ऑफ मिले। पता चला है कि कांग्रेस महासचिव एवं राज्य के प्रभारी अविनाश पांडे भी शनिवार को जयपुर पहुंचे।
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तेजी से बदलते घटनाक्रम के बीच सीएम अशोक गहलोत ने देर रात अपने मंत्रियों की एक बैठक बुलाई जिसमें पायलट और उनके तमाम समर्थक मंत्री शामिल नहीं हुए। पायलट के कहा जा रहा है कि दिल्ली में होने के चलते वह उस बैठक में शामिल नहीं हो पाए। हालांकि प्रदेश अध्यक्ष होने के बावजूद राज्य में कांग्रेस की सरकार बनने पर पार्टी द्वारा उन्हें सीएम न बनाए जाने पर पहले से ही नाराजगी चल रही है।