फिजूलखर्ची के खिलाफ राज्य सरकार की सख्ती, डायरी-कैलेण्डर छपवाने पर रोक

फिजूलखर्ची के खिलाफ राज्य सरकार की सख्ती, डायरी-कैलेण्डर छपवाने पर रोक

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  • Publish Date - December 22, 2018 / 07:09 AM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:37 PM IST

रायपुर। कांग्रेस की नई सरकार राज्य में फिजुलखर्ची पर पाबंदी लगाने की जतन में जुट गई है। इसकी शुरूआत नए साल के कैलेंडर और डायरी छपवाने से की गई है। राज्य सरकार ने सिर्फ राजस्व विभाग और पर्यटन विभाग के लिए ही नए साल पर डायरी और कलेण्डर छपवाएगी। इसके अलावा दूसरे अन्य विभाग, निगमों, मंडलों और सार्वजनिक उपक्रमों के लिए अलग से कलेण्डर और डायरी छपवाने पर रोक लगा दी गई है।

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सभी विभागों और शासकीय संस्थाओं को सिर्फ राजस्व विभाग द्वारा मुद्रित सरकारी डायरी-कैलेण्डरों का उपयोग करने के निर्देश दिए गए हैं। 
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा सरकारी खर्चों में रोक लगाने के लिए अधिकारियों को दिये गए निर्देशों पर त्वरित अमल करते हुए सामान्य प्रशासन विभाग ने इस सिलसिले में शुक्रवार को सभी विभागों को यहां मंत्रालय (महानदी भवन) से परिपत्र जारी कर दिया है। परिपत्र में कहा गया है कि राजस्व विभाग द्वारा शासकीय डायरी और कैलेण्डर का मुद्रण करवाया जाता है, इसके अलावा विभिन्न विभागों, निगमों और मंडलों द्वारा भी अलग-अलग डायरी और कैलेण्डर छपवाये जाते हैं। 

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परिपत्र में फिजुल खर्ची के संबंध में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के निर्देशों का उल्लेख करते हुए कहा गया है कि पर्यटन विभाग को छोड़कर शेष सभी विभाग, निगम और मंडल आदि राजस्व विभाग द्वारा तैयार शासकीय डायरी और कैलेण्डर का ही उपयोग करें। निगम, मंडल आदि के लिए पृथक से डायरी और कैलेण्डर का मुद्रण नहीं करवाया जाए। उल्लेखनीय है कि राज्य शासन के डायरी और कैलेण्डर का मुद्रण और प्रकाशन राजस्व विभाग से संबंधित शासकीय मुद्रणालय द्वारा किया जाता है।