ओरछा के राम राजा मंदिर में शिवराज की पूजा, जानें क्यों ये मंदिर है खास
ओरछा के राम राजा मंदिर में शिवराज की पूजा, जानें क्यों ये मंदिर है खास
ओरछा, मध्य प्रदेश। कहते हैं कि ओरछा आने वाला कोई व्यक्ति अगर राम राजा मंदिर में पूजन-दर्शन नहीं करता तो उसका यहां आना अधूरा होता है। न सिर्फ पर्यटकों बल्कि स्थानीय निवासियों की दिनचर्या में भी राम राजा मंदिर की आरती में मौजूद रहना शामिल है। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान आज जब ओरछा पहुंचे तो उन्होंने भी राम राजा मंदिर में जाकर दर्शन और पूजन किया। इसके बाद उन्होंने ट्वीट किया किया कि सबके लिए भगवान से मंगल कामना की।
मुख्यमंत्री @ChouhanShivraj ने ओरछा के राम राजा मंदिर में दर्शन-पूजन कर सबके लिए मंगल कामना की। pic.twitter.com/4zHqI99LT6
— CMO Madhya Pradesh (@CMMadhyaPradesh) December 27, 2017
सीएम शिवराज सिंह चौहान मशहूर कथावाचक संत मोरारी बापू की रामकथा में भाग लेने के लिए जब टीकमगढ़ पहुंचे तो वहां मौजूद लोगों ने हैलीपैड पर उनकी अगवानी की और उन्होंने भी सभी का अभिवादन किया।
राष्ट्र संत श्री मोरारी बापू की रामकथा में शामिल होने टीकमगढ़ पहुंचे मुख्यमंत्री @ChouhanShivraj ने हैलीपैड पर लोगों का अभिवादन किया। pic.twitter.com/yX88J0r49A
— CMO Madhya Pradesh (@CMMadhyaPradesh) December 27, 2017
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ओरछा के राम राजा मंदिर को लेकर कई तरह की कहानियां सुनने को मिलती हैं। कहते हैं कि सबसे पहले लोगों ने बुंदेलखंड में ही रहना शुरू किया था और यहां ओरछा और कुंढार दो सबसे खूबसूरत स्थान हैं। ओरछा उत्तर प्रदेश के झांसी से लगभग आधे घंटे की दूरी पर स्थित है।

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ओरछा के बारे में कहा जाता है कि गुर्जर प्रतिहार सम्राट मिहिर भोज ने इसकी स्थापना की थी। वैसे तो ओरछा में कई किला हैं, लेकिन सबसे ज्यादा मशहूर राम राजा मंदिर और इसके पीछे बड़ा कारण है इसकी स्थापना से जुड़ी मान्यताएं। कहा जाता है कि राम राजा मंदिर भगवान राम की मूर्ति के लिए बनवाया गया था, लेकिन मूर्ति स्थापना के वक्त यह अपने स्थान से हिली ही नहीं। इस मूर्ति को मधुकर शाह के राज्यकाल सोलवहीं सदी के उत्तरार्द्ध के दौरान उनकी रानी गनेश कुंवर अयोध्या से लाई थीं। चतुर्भुज मंदिर बनने से पहले इसे कुछ समय के लिए महल में स्थापित किया गया, लेकिन मंदिर निर्माण के बाद जब मूर्ति को उसके स्थान से हटा पाने में सफलता नहीं मिली तो इसे ईश्वर का चमत्कार मानते हुए महल को ही मंदिर का रूप दे दिया गया और इसका नाम रखा गया राम राजा मंदिर।

इसी राम राजा मंदिर के चारों ओर पूरा ओरछा शहर बसता चला गया और रामनवमी पर यहां बड़ी संख्या में श्रद्धालु जुटते हैं। खास बात ये है कि यहां के लोग भगवान राम को भगवान मानने के साथ यहां का राजा भी मानते हैं, क्योंकि उनकी मूर्ति का मुख मंदिर की ओर न होकर महल की ओर है।
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राम राजा मंदिर के पास एक बगान है जिसमें स्थित दो मीनारनुमा वायु यंत्र लोगों के आकर्षण का केन्द्र हैं। कहा जाता है कि इनके नीचे बनी सुरंग को शाही परिवार अपने आने-जाने के रास्ते के तौर पर इस्तेमाल करता था। हालांकि अब इन मीनारों के नीचे जाने के रास्ते बंद कर दिये गये हैं। मध्य प्रदेश के पर्यटन स्थल के रूप में ओरछा धीरे-धीरे लोकप्रिय हो रहा है और यहां पूरे साल विदेशी सैलानियों की अच्छी-खासी संख्या दिखाई देती है।
वेब डेस्क, IBC24

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