भोपाल। मध्यप्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री प्रभुराम चौधरी ने शहडोल में नवजात बच्चों की मौत पर प्रेस कॉन्फ्रेंस कर जानकारी दी है। चौधरी के मुताबिक बच्चों के इलाज में कोई लापरवाही नहीं बरती गई थी।
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स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि जिला अस्पताल में स्वास्थ्य सुविधाओं में इजाफा किया जाएगा। 20 बेड का और SNCU बनाया जाएगा। भोपाल से तीन सीनियर पीडियाट्रिक डॉक्टर्स को भेजा जाएगा। साथ ही एम्स के अनुभवी डॉक्टर्स से भी चर्चा की जाएगी।
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स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि गांव में बीमार बच्चों की जानकारी के लिए आशा कार्यकर्ता और एएनएम घर-घर जाकर सर्वे करेंगी। ताकि बीमार बच्चों की जानकारी मिलने पर उन्हें तत्काल अस्पताल में दाखिल कराया जा सके। जबलपुर मेडिकल कॉलेज के सीनियर पीडियाट्रिशियन इनका रिव्यू करेंगे। स्वास्थ्य मंत्री ने आगे कहा कि बच्चों को अगर पहले अस्पताल में भर्ती कराया जाता तो ये घटना नहीं दोहराती।
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गौरतलब है कि शहडोल जिला अस्पताल में अब तक 13 बच्चों की जान चली गई है। लगातार हो रही मौत पर अस्पताल में उपचार को लेकर कई बड़े सवाल खड़े हो रहे हैं। जिला अस्पताल के शिशु रोग विभाग में 3 नए डॉक्टरों की पदस्थापना की है। जिला अस्पताल में लगातार बच्चों की मौत को देखते हुए तीन नए डॉक्टरों की नियुक्ति की है।
जयसिंहनगर के बीएमओ डॉ राजेश तिवारी को बच्चा वार्ड मेंए मेडिकल कॉलेज के शिशु रोग विशेषज्ञ सर्जन डॉ मनीष सिंह की तैनाती की है। इसके अलावा हाल ही में रिटायर हुए सिविल सर्जन डॉ उमेश नामदेव अब बच्चा वार्ड में अपनी सेवाएं देंगे। बता दें कि अभी तक जिला अस्पताल में शिशु वार्ड सिर्फ एक डॉक्टर के भरोसे था। नए डॉक्टरों की पदस्थाना का निर्णय रोगी कल्याण समिति की बैठक में लिया गया। मेडिकल के 6 डॉक्टरों की पहले ही तैनाती की जा चुकी है।