रायपुर। राजधानी में अपने माता-पिता को मारकर घर के आंगन में गाड़ने और गर्लफ्रेंड को मारकर लोहे के बॉक्स में चुनने वाले साइको किलर उदयन दास को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है। आरोपी उदयन दास को पश्चिम बंगाल की एक स्थानीय अदालत ने ये सजा सुनाई है। आरोपी ने अपनी गर्लफ्रेंड आकांक्षा शर्मा की हत्या 2017 में कर दी थी। हत्या के बाद शव को एक मेटल के बक्से में बंद कर रखा हुआ था।
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आकांक्षा शर्मा पश्चिम बंगाल के बांकुड़ा जिले की रहने वाली थीं। आरोपी ने घटना को छिपाने के लिए बक्से पर ईंट पत्थर डाल दिए थे। बाद में यह मामला फास्ट ट्रैक कोर्ट को ट्रांसफर कर दिया गया था। फास्ट ट्रैक कोर्ट में सत्र न्यायधीश ने दास को दोषी करार दिया। इस मामले के सरकारी वकील ने सजा के बारे में बताया, “कोर्ट ने आज आरोपी को आईपीसी की धारा 302 के तहत आजीवन कारावास की सजा सुनाई। उस पर 20 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया। उदयन दास अगर जुर्माना नहीं चुकाएगा तो उसे छह महीने और जेल की सजा काटनी पड़ेगी।” इससे पहले दास ने अपने माता-पिता की भी कथित तौर पर हत्या कर दी थी। इन तीनों हत्याओं के बाद लोग उदयन दास को ‘सीरियल किलर’ बोलने लगे थे।
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बता दें, देवेंद्र कुमार शर्मा की बेटी आकांक्षा उर्फ श्वेता (28) की 2007 में उदयन नाम के लड़के से ऑरकुट पर दोस्ती हुई थी। जून 2016 में घर से नौकरी करने की बात कहकर आकांक्षा भोपाल आ गई। यहां वह उदयन के साथ साकेत नगर में रहने लगी। उसने परिवार वालों को बताया कि मैं अमेरिका में नौकरी कर रही हूं। जुलाई 2016 के बाद आकांक्षा के परिवार वालों से बात होनी बंद हो गई। भाई ने नंबर ट्रेस कराया तो लोकेशन भोपाल की निकली। परिवार के लोगों को शक था कि आकांक्षा उदयन के साथ रह रही है।
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दिसंबर 2016 में आकांक्षा की गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज हुई। एक महीने की जांच के बाद पुलिस उसके ब्वॉयफ्रेंड उदयन के घर पहुंची और उसे गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ में उसने आकांक्षा की हत्या की बात कबूली। पुलिस ने जब उदयन के घर की तलाशी ली तो सभी कमरों में सामान बिखरा हुआ था और कमरों से बदबू आ रही थी। पुलिस ने बताया कि उदयन ने पहले आकांक्षा का मुंह तकिये से दबाया और फिर उसका गला घोंट दिया। आकांक्षा के शव को ठिकाने लगाने के लिए उदयन ने अपने एक दोस्त की मदद से लाश को एक बॉक्स में बंद किया। उसके बाद घर में ही उसने आकांक्षा को दफन कर दिया। आकांक्षा जहां दफन हुई उदयन ने उसपर चबूतरा बना दिया। बाद में पुलिस ने शव को छह घंटे की मशक्कत के बाद चबूतरे को तोड़कर निकाला।
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आकांक्षा अपने एक दोस्त से फोन पर अक्सर बात करती थी। यह बात उदयन को नागवार गुजरती थी। 14 जुलाई 2016 की रात आकांक्षा और उदयन के बीच जमकर बहस हुई थी। आकांक्षा सो गई, लेकिन उदयन रातभर जागता रहा। मारने की प्लानिंग करता रहा। 15 जुलाई की सुबह वह आकांक्षा के सीने पर बैठ गया और तकिए से उसका तब तक मुंह दबाता रहा, जब तक कि उसकी सांसें नहीं थम गईं। इसके बाद भी उसका गुस्सा शांत नहीं हुआ। उसने हाथ से उसका गला घोंट दिया।
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उदयन ने कबूल किया है कि उसने अपने मां-बाप की हत्या की थी और अपने रायपुर वाले मकान में उन्हें दफन कर दिया था। पुलिस उदयन को भोपाल से रायपुर ले गई और मकान की खुदाई कर हड्डियां बरामद किया है। पुलिस ने हड्डियों को डीएनए टेस्ट के लिए भेजा है। पुलिस ने बताया कि उदयन ने मां-बाप की हत्या सिर्फ इसलिए की थी क्योंकि वो उसे नशा और फिजूल खर्च करने से रोकते थे। उदयन के खिलाफ पश्चिम बंगाल के बांकुड़ा में अपहरण, मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में प्रेमिका आकांक्षा की हत्या और छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में अपने माता-पिता की हत्या और धोखाधड़ी का मामला शामिल है।
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