रायपुर। स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम ने आज राज्य शैक्षणिक संस्थान एवं प्रशिक्षण परिषद (एससीईआरटी) में नवा जतन कार्यक्रम का शुभारंभ किया। उन्होंने इस अवसर पर आयोजित प्रशिक्षण कार्यक्रम में उपस्थित राज्य स्रोत समूह के सदस्यों से कहा कि स्कूलों में नवा जतन मार्गदर्शिका का उपयोग कर पढ़ाई में पिछड़ गये बच्चों को वर्तमान कक्षा के स्तर तक लाया जाए।
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उल्लेखनीय है कि कोरानाकाल में राज्य के स्कूलों में ऐेसे बच्चे जो लर्निंग लॉस के कारण वर्तमान कक्षा स्तर से पिछड़े हुए हैं, ऐसे छात्रों को उपचारात्मक शिक्षा प्रदान करने के लिए ‘नवा जतन’ कार्यक्रम संचालित होगा। स्कूल शिक्षा विभाग के एससीईआरटी के द्वारा सेतु पाठ्यक्रम 2.0 के अंतर्गत नवा जतन कार्यक्रम का निर्माण किया गया है। मंत्री डॉ. टेकाम ने इस अवसर पर नवा जतन की मार्गदर्शिका का विमोचन भी किया।
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स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ. टेकाम ने कहा कि कोरोना के संक्रमण काल में सबसे ज्यादा नुकसान बच्चों की शिक्षा का हुआ है। शिक्षकों के कई प्रयास के बाद भी बच्चों को अपेक्षा अनुसार शिक्षा प्राप्त नहीं हो पाई जिसके कारण पूर्व में शैक्षणिक रूप पिछड़े हुए बच्चों के लिए सेतु पाठ्यक्रम का निर्माण एससीईआरटी द्वारा किया गया था। इसे शिक्षकों ने सभी कक्षाओं मे बहुत लगन से लागू किया। उन्होंने ने बताया कि राज्य में कक्षा पहली से 8वीं तक के बच्चों का बेसलाइन आकलन केवल इसलिए नहीं था कि हम यह जान सके कि बच्चे वर्तमान में किस कक्षा के स्तर पर हैं, बल्कि उससे हमें यह भी जानना था कि बच्चे अपनी वर्तमान कक्षा के स्तर पर नहीं है, तो फिर निचली कक्षा के किस स्तर पर हैं।
मंत्री डॉ. टेकाम ने कहा कि अब हमारे पास बेसलाइन आकलन के पूरे आंकड़े उपलब्ध हैं। राज्य में पढ़ने वाले लगभग 95 प्रतिशत बच्चों का रिकार्ड उपलब्ध है और संभवतः छत्तीसगढ़ देश का ऐसा पहला राज्य है जिसके पास कक्षा एक से आठ तक का प्रत्येक बच्चा किस स्तर पर है, यह जानकारी उपलब्ध है। उन्होंने कहा कि प्रशिक्षण में बच्चों के शैक्षणिक स्तर को देखने का तरीका बता दिया गया है।
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अब कक्षा पहली से आठवीं तक के प्रत्येक बच्चे का शैक्षणिक स्तर विभागीय वेब पोर्टल के माध्यम से देखा जा सकता है। उन्होंने कहा कि अब जब हमकों यह ज्ञात हो चुका है कि बच्चे किस स्तर पर हैं तो हमारी यह जिम्मेदारी बनती है कि हम अपने बच्चों को उनके वर्तमान कक्षा के स्तर तक लाएं, इसके लिए बच्चों को उपचारात्मक शिक्षा प्रदान करने की आवश्यकता है। मंत्री इसी आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए सेतु पाठ्यक्रम 2.0 के तहत नवा जतन कार्यक्रम शुरू किया जा रहा है।