भोपाल। शिवराज सरकार सूबे में लगातार एंटी माफिया मुहिम चला रही है, लेकिन दूसरी और मध्यप्रदेश में बहन और बेटियों की अस्मत तार-तार हो रही है। पिछले एक हफ्ते के दौरान प्रदेश के अलग-अलग जिले में 5 से ज्यादा बलात्कार और हत्या की वारदात हुई हैं। ज्यादातर मामलों में नाबालिग बच्चियों को शिकार बनाया गया है। हर नई घटना पुरानी से ज्यादा डरावनी होती है।ऐसे में सवाल है।अब क्या करें बेटियां।?
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11 जनवरी, खंडवा
13 साल की बच्ची के साथ रेप
बच्ची की हत्या कर शव को छत पर रखा
17 जनवरी, उमरिया
14 साल की नाबालिग के साथ गैंगरेप
24 घंटे के अंदर पीड़िता के साथ 9 बार गैंगरेप
18 जनवरी, बैतूल
14 साल की बच्ची के साथ दुष्कर्म
रेप के बाद बच्ची को पत्थर के नीचे दफनाया
20 जनवरी, मुरैना
22 वर्षीय युवती के साथ दरिंदगी
परिचित के युवक और उसके दोस्तों ने किया दुष्कर्म
ये केवल चंद घटनाएं नहीं बल्कि उन तमाम घटनाओँ की कड़ी हैं, जो मध्यप्रदेश में बीते कुछ दिनों में घटी है। ये घटनाएं बताती हैं कि मध्यप्रदेश में बेटियां सुरक्षित नहीं है। लगातार बढ़ती हुई बलात्कार की घटना बताती है, कि हैवानों के हौसले कितने बुलंद हो चुके है। उनके आगे कानून व्यवस्था भी बौनी साबित हो रही है। महज एक हफ्ते के दौरान उमरिया जैसे छोटे शहर से लेकर इंदौर जैसे मेट्रो शहर में मासूम बच्चियों पर शैतानी इरादों का कहर टूटा।
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कुछ साल पहले हुए निर्भया कांड के बाद रेप से जुड़े कानून को और सख्त किया गया है, पर इसके बाद भी बलात्कार के मामले कम नहीं, बल्कि बढ़े ही हैं। महज एक हफ्ते के दौरान सूबे में लगातार हुए बलात्कार और हत्या की घटनाओं ने कानून व्यवस्था की पोल खोल कर रख दी है। वहीं, पुलिस अधिकारियों के पास एक ही जवाब है, कि जांच की जा रही है।
प्रदेश में हत्या और बलात्कार की घटना को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने भी ट्वीट के जरिए शिवराज सरकार पर जमकर हमला बोला है। कमलनाथ ने आरोप लगाया है, कि प्रदेश में बहन-बेटियों को लगातार गुमराह किया जा रहा है। अलग-अलग जिले में हुए विभत्स घटनाओं ने प्रदेश को शर्मसार किया है.. तो उसे लेकर सियासी बयानबाजी भी हो रही है।
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बहरहाल बच्चियों की सुरक्षा को लेकर राज्य सरकार बढ़-चढ़कर दावे तो जरूर करती है। पर रेप की हर नई घटना उसके दावे की पोल खोल देती है और सवाल खड़ी करती है। क्या यही है मध्यप्रदेश के चुस्त कानून-व्यवस्था की मिसाल।