कोरबा। डीएमएफ घोटाले पर राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल का बड़ा बयान आया है जिसमें उन्होने कहा है कि अभी तो प्यादे निपटे हैं वजीर बाकी है। इशारों—इशारों में उन्होने कोरबा के तत्कालीन कलेक्टर पर निशाना साधते हुए कहा कि किसके संरक्षण में घोटाले हुए, किसने साइन किया, किसने सेंशन किया इन बिंदुओं पर अभी जांच का दायरा बढ़ेगा।
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बता दें कि डीएमएफ घोटाले में कोरबा के पूर्व सहायक आयुक्त, आदिवासी विकास विभाग श्रीकांत दुबे सस्पेंड कर दिए गए है। पिछली सरकार के कार्यकाल में कोरबा जिले में डिस्ट्रिक्ट मिनरल फंड (डीएमएफ) के तहत करीब 900 करोड़ के काम हुए। इनके लिए तत्कालीन कलेक्टर पी दयानंद ने तब के सहायक आयुक्त श्रीकांत दुबे को नोडल अधिकारी नियुक्त किया था।
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विधायक व अब प्रदेश के राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल ने किए गए कामों को लेकर गड़बड़ी की शिकायत की थी। विधानसभा चुनाव के बाद प्रदेश में सत्ता बदल के बाद डीएमएफ के काम को लेकर सरकार ने बड़ा बदलाव किया। पूर्व में जहां डीएमएफ के पदेन अध्यक्ष कलेक्टर हुआ करते थे, उनके स्थान पर अब प्रभारी मंत्री को यह जिम्मेदारी दी गई है। सरकार ने डीएमएफ को लेकर मिली शिकायतों की जांच कराने का निर्णय विगत मार्च में लिया व आदिमजाति एवं अनुसूचित जाति विभाग ने जांच के लिए परियोजना प्रशासक बीआर बंजारे को नियुक्त किया।
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एजुकेशन हब के निर्माण में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी के साथ छात्रावास मरम्मत, लाइवलीहुड कॉलेज कोरबा के भवन निर्माण सहित अन्य मामलों को जांच के दायरे में रखा गया। 25 मई को बंजारे ने अपनी रिपोर्ट दी। जिसके बाद कलेक्टर ने तीन सदस्यीय जांच दल नियुक्त किया था।