जबलपुर। आखिरकार लंबे इंतजार के बाद जबलपुर नगर निगम के 79 वार्डों के लिए आज आरक्षण की प्रक्रिया पूरी हुई। हालांकि नगर निगम में पार्षदों के चुनाव से पहले वार्ड आरक्षण पर सभी पार्टियों के दावेदारों की आंखें लंबे वक्त से टिकी रहीं लेकिन आज हुए वार्ड आरक्षण के बाद कई के चेहरे खिल गए तो कई के चेहरे मुरझा गए।
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दरअसल जबलपुर नगर निगम के लिए लाटरी सिस्टम के जरिये हुए आरक्षण में महिलाओं के खाते में 40 वार्ड आये, जबकि 39 वार्डों पर पुरुष किस्मत आजमायेगे। 79 वार्डों वाले जबलपुर नगर निगम आरक्षण में पिछड़ा वर्ग के खाते में 20 वार्ड आये, जिनमे से 10 ओबीसी महिला के लिए आरक्षित हुए। इसके बाद बचे हुए 59 वार्डो में से 11 एससी, 4 एसटी और 44 सामान्य वर्ग के लिए आरक्षित हुए। जिसमे से 5 वार्ड एससी, 2 वार्ड एसटी और 21 वार्ड सामान्य वर्ग की महिलाओं के लिए आरक्षित हुए।
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निगम चुनाव जीतकर पार्षद बनने का सपने देख रहे नेताओं ने आरक्षण प्रक्रिया पर सवाल उठाते हुए जमकर हंगामा भी किया, जिसके कारण आरक्षण की प्रक्रिया कुछ देर के लिए बाधित भी हुई, लेकिन जिला प्रशासन ने नाराज नेताओं द्वारा आरक्षण प्रक्रिया की पारदर्शिता पर उठाए जाने वाले सवालों को गलत बताया, कलेक्टर कर्मवीर शर्मा का कहना था कि नगर पालिका एक्ट के तहत आरक्षण की पूरी प्रक्रिया अपनाई गई है, प्रक्रिया पर जो भी सवाल उठ रहे थे, नेताओं की उन गलत फहमियों को नगर पालिका एक्ट के नियम बताकर दूर किया गया है।
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वहीं आरक्षण प्रक्रिया पर सवाल उठाने वाले नेताओं का कहना है कि जिला प्रशासन ने आरक्षण के पहले जो प्रक्रिया अपनाई जानी चाहिए थी वह नहीं अपनाई है,जिला प्रशासन ने न तो आरक्षण शुरू होने के पहले आरक्षण के प्रावधानों से अवगत कराया और न ही उससे जुड़ी जानकारी मुहैया कराई,जिससे आरक्षण प्रक्रिया में शामिल लोग वार्डो के लिए हुए आरक्षण का ठीक तरीके से मिलान नहीं कर पाए और यह सब जिला प्रशासन ने सरकार के दबाव में आकर किया है, इस आरक्षण प्रक्रिया को चुनौती दी जाएगी, हालांकि नगर निगम वार्डो के आरक्षण की प्रक्रिया के दौरान बड़ी संख्या में दोनों दलों के नेता और पार्टी कार्यकर्त्ता मौजूद थे।