जबलपुर। मध्यप्रदेश के न्यायधानी में चर्चित खटुआ मर्डरकेस मामले की एसपी अमित सिंह ने गृहमंत्रालय को सौंप दी है। हत्याकांड से जुड़ी सभी जांच सीबीआई कर रही है। 5 फरवरी को जीसीएफ फैक्ट्री से लगी पाटबाबा पहाड़ी पर खटुआ की लाश मिली थी। फैक्ट्री में जूनियर वर्क्स मैनेजर थे खटुआ।
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एससी खटुआ धनुष तोप में लगे चायनीज बैरिंग खरीदी मामले में संदेही भी थे। इस ये मामला और गंभीर हो गया है। बहरहाल सीबीआई इस मामले की परत दर परत जांच कर रही है। इसलिए सीबीआई मामले से जुड़ी बारीक से बारीक चीजों की भी जानकारी ले रही है ।
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एसपी के मुताबिक खटुआ हत्याकांड कहीं न कहीं धनुष तोप बेयरिंग मामले से जुड़ा है। सीबीआइ धनुष तोप बेयरिंग मामले की पहले से जांच कर रही है। जीएस खटुआ इस मामले में अहम गवाह थे। वेयरिंग खरीदी प्रक्रिया से जुड़े होने की वजह से ही सीबीआइ ने उन्हें बयान दर्ज कराने के लिए बुलाया था। इसलिए हत्याकांड की जांच भी सीबीआइ से कराने के लिए पीएचक्यू ने अभिमत मांगा था।
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धनुष तोप बेयरिंग घोटाले के मामले में सीबीआई के रडार पर आए जीएस खटुआ को बयान दर्ज कराने के लिए 17 जनवरी को दिल्ली तलब किया गया था। खटुआ बयान के लिए दिल्ली नहीं जा सके थे। वे इसकी लिखित सूचना देने के लिए सुबह घर से कृपाल चौक में रहने वाले अधिवक्ता से मिलने के लिए रवाना हुए थे। वहां से लौटने का सीसीटीवी फुटेज तो मिला, इसके बाद वे लापता हो गए।