कोरिया। मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ राज्य की अंतरराज्जीय सीमा पर स्तिथ घुटरीटोला बेरियर के समीप एक बुजुर्ग की मौत हो गई । मौत के बाद परिजनों ने बेरियर पर ही जमकर हंगामा किया और बेरियर पर तैनात लोगों पर एक घण्टे तक रोके जाने के चलते पिता की मौत होने की बात कही। वहीं प्रशासन की बातों में भी अंतर नजर आ रहा है एक तरफ पास परीक्षण के बाद जाने की बात हैं तो दूसरी तरफ बेरियर पहुंचने से पहले मौत की बात कही जा रही है।
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एमपी के उमरिया जिले के भरेवा गांव के रहने वाले राकेश मिश्रा अनुमति लेने के बाद अपने पिता केशव मिश्रा और माँ के साथ बिलासपुर के अपोलो अस्पताल जा रहे थे। रास्ते मे पिता की तबियत बिगड़ने पर वह मनेन्द्रगढ़ के सेंट्रल हॉस्पिटल जाना चाह रहे थे लेकिन बेरियर में तैनात लोगों ने जाने नही दिया और वही उनकी मृत्यु हो गई। इसके बाद परिजनों का गुस्सा फूट पड़ा और सड़क पर खड़े होकर उन्होंने अपनी नाराजगी दिखाते हुए नही जाने देने के चलते मौत होने की बात कही।
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घटना के बाद पुलिस और प्रशासन के अधिकारी भी मौके पर पहुँचे जिनके सामने भी परिजनों ने रो रोकर पूरी घटना बताई । किसी तरह मामला शांत हुआ और मृतक के शव को प्रशासन ने एम्बुलेंस से घर भेज दिया। प्रशासनिक अधिकारियों इस घटना में किसी तरह की लापरवाही नही होने की बात कह रहे हैं । प्रशासन की ओर से कहा गया कि मृतक का परिवार पारिवारिक कारणों से चिरमिरी से कोरबा होकर बिलासपुर जा रहा था उन्हें पास परीक्षण के बाद जाने की अनुमति दे दी गई थी।
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वहीं दूसरी ओर एसडीएम आर पी चौहान की ओर से जनसम्पर्क विभाग द्वारा जारी खबर में कहा गया कि घुटरीटोला बेरियर पहुँचने के पहले ही हार्ट अटैक से केशव मिश्रा का निधन हो गया है। ऐसे में बैरियर पर हुई मौत को लेकर सवाल खड़े हो रहा है । एक तरफ जाने की अनुमति देने की बात और दूसरी ओर पहुँचने के पहले ही मौत हो जाने की बात कही जा रही है।