जबलपुर। नागरिकता संशोधन अधिनियम के खिलाफ देशभर में मचे बवाल के बीच जबलपुर में भी प्रदर्शनकारी सड़कों पर उतर आए। जुमे की नमाज के बाद मुस्लिम समुदाय से जुड़े हजारों लोग रद्दी चौकी इलाके में एकत्र हुए और केंद्र सरकार द्वारा लाए गए इस कानून के खिलाफ आक्रोश जताना शुरू कर दिया। गुस्साए लोगों ने नागरिकता संशोधन कानून को काला कानून करार देते हुए इसे वापस लेने की मांग शुरू की।
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बड़ी संख्या में लोगों की मौजूदगी को देखते हुए पुलिस और प्रशासन ने भी सख्त इंतजाम किए पुलिस और प्रशासन के आला अधिकारी लोगों से शांति की अपील करते रहे, इस बीच कुछ लोगों द्वारा पत्थरबाजी शुरू करने के बाद माहौल तनावपूर्ण हो गया। भीड़ में छुपे अराजक तत्वों द्वारा फेंके गए पत्थरों की चपेट में आकर करीब आधा दर्जन पुलिसवाले घायल हो गए। भीड़ ने पुलिस की एक गाड़ी को भी अपना निशाना बनाया।
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उग्र होती भीड़ को काबू में करने पुलिस को भी सख्ती बरतना पड़ा और आंसू गैस के गोले छोड़कर भीड़ को तितर बितर किया गया। नागरिकता संशोधन अधिनियम को लेकर जबलपुर में संभावित उपद्रव को देखते हुए कलेक्टर एसपी सहित आला प्रशासनिक अधिकारी पूरी तरह मुस्तैद रहे लेकिन शुक्रवार को जुमे की नमाज़ के बाद अचानक भीड़ मंडी मदार टेकरी इलाके में एकजुट हुई, जिसके बाद सड़कों पर भारी भीड़ जमा होने लगी।
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शहर के रद्दी चौकी इलाके में अचानक बिगड़े हालातों के बाद जिले का प्रशासनिक अमला मौके पर पहुंचा और उग्र भीड़ को मनाने की कोशिशों में जुट गया। गुस्साई भीड़ के पथराव से घायल पुलिसकर्मियों को तत्काल पुलिस की ही गाड़ी से इलाज के लिए जिला अस्पताल ले जाया गया। मौके पर हालात सामान्य न होते देख जिला कलेक्टर भरत यादव ने चार थाना क्षेत्रों में कर्फ्यू लगा दिया है। जिन चार थानों में अनिश्चितकालीन कर्फ्यू लगाया गया है। उनमें जबलपुर के गोहलपुर, कोतवाली, हनुमानताल, आधारताल थाने शामिल है।
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दरअसल इन क्षेत्रों में आंदोलन के दौरान कई बार हंगामा हुआ है, जिसमें 7 साल से लेकर 14 साल के बच्चों ने पुलिस पर पत्थर फेंकने का काम किया, जिसमे 2 दर्जन पुलिस वालें घायल हुए। जिसके चलते पुलिस को लोगों को काबू करने 100 से ज्यादा टियर गैस के गोले दागने पड़े। लेकिन उसके बावजूद जब हालात काबू नही हो पा रहे थे, जिसे देखते हुए जिला प्रशासन ने इन 4 थाना क्षेत्रों में कर्फ्यू लगाना मुनासिब समझा,इसके साथ ही कल शनिवार यानी 21 दिसंबर को जिले के सभी स्कूलों और आंगनवाड़ी केंद्रों को एहतियात के तौर पर बंद रखने के निर्देश भी जारी किए है।
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पुलिस की माने तो विरोध करने वालों की संख्या करीब 15 हजार थी। जिसमे नाबालिग बच्चे भी शामिल थे, इसलिए माहौल खराब करने वालों की पहचान वीडियो कैमरों और इलाकों में लगे सीसीटीवी कैमरों के जरिए की जा रही है।