रायपुर। आंगनबाड़ी केन्द्रों के बच्चों और माताओं के लिए बनाएं जा रहे रेडी टू इट की गुणवत्ता की प्रारंभिक जांच के लिए शहर में कोई व्यवस्था नही है, जिसके कारण बिना जांच के ही केन्द्रों में रेटी टू इट भेजे जा रहे हैं। रायपुर जिलें के अंतर्गत संचालित हो रहे आंगनबाड़ी केन्द्रों के लिए रेडी टू इट बनाने का काम 45 से भी अधिक महिला समूह कर रही हैं।
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रेडी टू इट के बनने के बाद जांच करके ही केंद्रों में भेजने का नियम है, जिसकी जिम्मेदारी केंद्रों की सुपरवाइजर को सौंपी जाती है, यहां एडिशनल कलेक्टर के निर्देश से रायपुर जिले में जांच सदस्यों की टीम का भी गठन किया गया है पर इसके बावजूद बिना जांच के आंगनबाड़ी केन्द्रों में रेडी टू इट पहुंच रहे हैं।
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जिला कार्यक्रम अधिकारी ने जांच के विषय में बताया कि यहां लैब न होने के कारण जांच में देरी हो रही है, राजधानी में लैब की सुविधा के लिए शासन से मांग भी किया गया है जिससे पूरे राज्य के रेडी टू इट की जांच हो सकेगी। कुछ माह पहले रेटी टू इट की गुणवत्ता में कमी और पैकेजिंग में कम मात्रा होने पर 160 से भी अधिक आंगनबाड़ी केंद्रों में कारण बताओ नोटिस जारी किया था और अब विभाग जांच की पहली कड़ी में ही लापरवाही बरत रहा है।
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