जीवाजी विश्वविद्यालय से पीएचडी का मामला, न्यायिक आयोग की रिपोर्ट के बाद मचा हडकंप, 23 छात्रों को नियम विरूद्ध दी गई पीएचडी

जीवाजी विश्वविद्यालय से पीएचडी का मामला, न्यायिक आयोग की रिपोर्ट के बाद मचा हडकंप, 23 छात्रों को नियम विरूद्ध दी गई पीएचडी

  •  
  • Publish Date - July 5, 2019 / 10:59 AM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:11 PM IST

ग्वालियर। हाईकोर्ट के आदेश पर पीएचडी की जांच के लिए गठित न्यायिक जांच आयोग की रिपोर्ट बंद लिफाफे के बाहर आने से कई खुलासे हुए है। रिपोर्ट में सामने आया है कि पीएचडी करने वला व्यक्ति न स्टडी सेंटर पर 200 दिन उपस्थित हुआ है और न ही रिसर्च पेपर प्रमाणित पाए गए है। पीएचडी के लिए नामांकन भी नही कराया गया है। इसके बाद भी जीवाजी विश्वविधालय ने उन्हे पीएचडी दे दी।

बता दें कि 61 पेज की रिपोर्ट मे सामने आया है कि आदिम जाति कल्याण विभाग के एडिशनल डारेक्टर सुरेन्द्र सिंह भंडारी और पूर्व कुलपति एम किदवई सहित 23 पीएचडी की उपाधी नियम विरुद्ध दी गई है। अब हाईकोर्ट को पीएचडी मामले मे आगे का फैसला करना है।
ये भी पढ़ें – सीएम बघेल की माता को देखने अस्पताल पहुंचे जोगी, जल्द स्वास्थ्य लाभ की कामना की.. देखिए
दरअसल ललित कुमार खरे ने जीवाजी विश्वविधालय से दी जाने वाली पीएचडी के खिलाफ जनहित याचिका दायर की थी। याचिका में आदिम जाति कल्याण विभाग के एडिशन डारेक्टर सुरेन्द्र सिंह भंडारी की पीएचडी को चुनौती दी गई थी। तर्क दिया गया था कि श्योपुर कॉलेज के प्राचार्य को भंडारी का गाइड बनाया गया था और स्टडी सेंटर मुरैना निर्धारित किया गया था। लेकिन न गाइड ने एक भी छुट्टी ली और न ही सुरेन्द्र भंडारी ने। कक्षाओ में उपस्थिति दिखाकर पीएचडी अवार्ड की गई है।
ये भी पढ़ें –बजट 2019 पर स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव की प्रतिक्रिया, कहा- सरकार की नीतियां सिर्फ अपनों के निकट
इसके अलावा कश्मीर के पुलवामा के उन 7 छात्रों का रिकार्ड भी कोर्ट में पेश किया गया। इन छात्रों ने न तो कक्षा ज्वाइन की और न ही उपस्थित हुए। बावजूद उन्हे पीएचडी उपाधी दे दी गई। जीवाजी विश्वविधालय ने ऑर्डिनेंस के खिलाफ जाकर पीएचडी की उपाधी दी है। कोर्ट ने हाइकोर्ट से सेवानिवृत्त डीके पालीवाल की अध्यक्षता में न्यायिक आयोग बनाया था।
ये भी पढ़ें – सीएम कमलनाथ का बयान, बजट ने आम जनता को ठगा, मंहगाई बढ़ाने वाला है बजट
न्यायिक आयोग ने भंडारी सहित 23 पीएचडी की जांच रिपोर्ट पेश की थी। आयोग ने कहा है कि जांच के दौरान कुछ शिकायतें आई है उनकी जांच की जा रही है। इस मामले में जीवाजी विश्वविधालय पूरी तरह से घिरा हुआ है। लिहाजा उसके पास बोलने के लिए कुछ नही है। लेकिन इस रिपोर्ट के सामने आने से हडकंप मचा हुआ है।

<iframe width=”658″ height=”370″ src=”https://www.youtube.com/embed/VnJuzJKi4Q4″ frameborder=”0″ allow=”accelerometer; autoplay; encrypted-media; gyroscope; picture-in-picture” allowfullscreen></iframe>