रायपुर। संसदीय सचिव विकास उपाध्याय ने बढ़ते कोरोना के बीच हो रहे मृत्यु दर में वृद्धि को लेकर कहा, संक्रमण के पता चलते ही लोग घबराहट में अनियंत्रित हो कर आपा खो बैठ रहे हैं। यही वजह उन्हें कमजोर कर रही है। विकास उपाध्याय ने कहा, ऐसे समय में परिवार के सदस्यों व दोस्तों का साथ ही मरीज को संबल प्रदान कर सकती है। उन्होंने कहा, संक्रमण के बाद मरीज को 7 दिनों तक हिम्मत दिलाये रखने सफल हो गए तो समझ लीजिए कि हम मरीज को ठीक करने सफल हो गए।
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विकास उपाध्याय ने कहा, कोरोना एक ख़तरनाक वायरस है, जो शरीर में प्रवेश करने के बाद कब किस रूप में घात लगाएगा किसी को पता नहीं होता है और यही धारणा जो एक तरह से मन में बैठ गयी है, सोच-सोच कर इंसान को कमजोर कर रही है। कोरोना से हर किसी को डरना चाहिए। इसका मतलब ये नहीं कि घबराहट में आपा खो बैठें। डरने का मतलब सावधान रहने से है। अपने आप को सुरक्षित व मजबूत रखने की जरूरत है। उन्होंने कहा, लोग घबराहट में ज्यादा जान गंवा रहे हैं। विकास उपाध्याय ने अपील की है कि अपने संपर्क में जो भी पीड़ित हैं उनसे कोशिश ये हो कि मोबाईल के माध्यम से या वीडियो कॉलिंग के माध्यम से लगातार बात चीत होते रहे, परिवार के सदस्य ध्यान रखें मरीज को अकेलापन का एहसास एक पल के लिए भी न हो।
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विकास उपाध्याय इसी के अनुरूप क्षेत्र के लोगों के साथ लगातार बात कर हाल चाल पूछ रहे हैं। उन्होंने बेहद ही सावधानी बरतने की हिदायत के साथ अपील कर रहे हैं कि लोगों के सम्पर्क में आने से बचें यहाँ तक कि अपने घरों में भी एक दूसरे सदस्यों को भी 2 मीटर की दूरी बना कर ही रहने की आदत डालें। विकास उपाध्याय ने घरों में लोगों से खाली पेट बिल्कुल भी नहीं रहने की हिदायत देते हुए पौष्टिक भोजन करने की सलाह दी है। उन्होंने कहा जो भी खाली पेट रहते संक्रमित की सेवा में लगे हैं वे भी इससे जल्दी संक्रमित हो रहे हैं और वजह यही बनते जा रहा है कि किसी परिवार में एक के बाद एक संक्रमित होते जा रहे हैं।