One Nation-One Election Bill : मोदी सरकार ने कस ली कमर.. सोमवार को लोकसभा में पेश होगा ‘वन नेशन वन इलेक्शन’ बिल, जानें अगर लागू हुआ तो सरकार का कितना बचेगा पैसा?

One Nation-One Election Bill : मोदी सरकार ने कस ली कमर.. सोमवार को लोकसभा में पेश होगा 'वन नेशन वन इलेक्शन' बिल |

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  • Publish Date - December 14, 2024 / 10:10 AM IST,
    Updated On - December 14, 2024 / 10:10 AM IST

नई दिल्लीः One Nation-One Election Bill देश में एक साथ चुनाव कराने के लिए मोदी सरकार संसद में बिल लाएगी। इसी से जुड़ी एक बड़ी खबर सामने आई है। बताया जा रहा है कि एक देश, एक चुनाव के विधेयक को गुरुवार को मोदी सरकार ने मंजूरी दे दी है। अब सरकार इस बिल को सदन के पटल पर रख सकती है। कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल सोमवार को लोकसभा में वन नेशन वन इलेक्शन बिल पेश करेंगे। सरकार के सूत्रों का कहना है कि इस बिल को चर्चा के लिए JPC के पास भेजा जाएगा।

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सूत्रों के मुताबिक, लंबी चर्चा और आम सहमति बनाने के लिए सरकार इस विधेयक को संयुक्त संसदीय समिति (JPC) के पास भेजेगी। जेपीसी सभी राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों के साथ विस्तार से चर्चा करेगी और इस प्रस्ताव पर सामूहिक सहमति की जरूरत पर जोर देगी।

पूर्व राष्ट्रपति की अध्यक्षता में हुआ समिति का गठन

बता दें कि भारत के पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता में ‘एक देश-एक चुनाव’ पर उच्च स्तरीय समिति गठन हुआ था। ये कमेटी 2 सितंबर, 2023 को बनी थी। इसी समिति को वन नेशन-वन इलेक्शन का मसौदा तैयार करने की जिम्मेदारी मिली थी। इसके बाद 14 मार्च, 2024 को कोविंद ने राष्ट्रपति को अपनी सिफारिशें सौंपी। इसमें लोकसभा और विधायिकाओं के चुनाव एक साथ कराने की सिफारिश की गई।

क्या है ‘एक देश एक चुनाव’?

इस प्रस्ताव का उद्देश्य पूरे देश में लोकसभा और विधानसभाओं के लिए एक साथ चुनाव कराना है। फिलहाल लोकसभा और विधानसभाओं के चुनाव अलग-अलग होते हैं, या तो पांच साल का कार्यकाल पूरा होने के बाद या जब सरकार किसी कारण से भंग हो जाती है। इसकी व्यवस्था भारतीय संविधान में की गई है। अलग-अलग राज्यों की विधानसभा का कार्यकाल अलग-अलग समय पर पूरा होता है, उसी के हिसाब से उस राज्य में विधानसभा चुनाव होते हैं। हालांकि, कुछ राज्य ऐसे भी हैं जहां विधानसभा और लोकसभा चुनाव एक साथ होते हैं। इनमें अरुणाचल प्रदेश, आंध्र प्रदेश, ओडिशा और सिक्किम जैसे राज्य शामिल हैं। वहीं, राजस्थान, मध्य प्रदेश, तेलंगाना, छत्तीसगढ़ और मिजोरम जैसे राज्यों के चुनाव लोकसभा चुनाव से ऐन पहले हुए तो लोकसभा चुनाव खत्म होने के छह महीने के भीतर हरियाणा, जम्मू कश्मीर, महाराष्ट्र और झारखंड में चुनाव हुए।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लंबे समय से एक देश एक चुनाव के समर्थक रहे हैं। प्रधानमंत्री ने 2019 के स्वतंत्रता दिवस पर एक देश एक चुनाव का मुद्दा उठाया था। तब से अब तक कई मौकों पर भाजपा की ओर एक देश एक चुनाव की बात की जाती रही है।

FAQ Section:

One Nation-One Election Bill क्या है?

One Nation-One Election Bill का उद्देश्य पूरे देश में लोकसभा और विधानसभाओं के चुनावों को एक साथ कराना है। इसका मुख्य उद्देश्य चुनावी प्रक्रिया को सरल और प्रभावी बनाना है, जिससे चुनावी खर्चों में कमी और प्रशासनिक बोझ में कमी आएगी।

यह विधेयक कब पेश किया जाएगा?

सरकार इस बिल को लोकसभा में 18 दिसंबर 2024 को पेश करने की योजना बना रही है, जिसे कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल प्रस्तुत करेंगे।

‘एक देश एक चुनाव’ की सिफारिश किसने की थी?

‘एक देश एक चुनाव’ पर उच्च स्तरीय समिति का गठन भारत के पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता में किया गया था। समिति ने 14 मार्च, 2024 को अपनी सिफारिशें राष्ट्रपति को सौंप दी थीं।

क्या ‘एक देश एक चुनाव’ सभी राज्यों में लागू होगा?

वर्तमान में कुछ राज्यों में लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ होते हैं, लेकिन अन्य राज्यों में चुनाव अलग-अलग समय पर होते हैं। ‘एक देश एक चुनाव’ विधेयक के तहत यह व्यवस्था सभी राज्यों के लिए लागू करने का प्रस्ताव है।

One Nation-One Election Bill को लेकर किस प्रकार की चर्चा की जाएगी?

इस बिल को चर्चा के लिए संयुक्त संसदीय समिति (JPC) के पास भेजा जाएगा, जहां सभी राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों के साथ विस्तृत चर्चा होगी और सामूहिक सहमति बनाने की कोशिश की जाए।

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