लखनऊ: केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मंगलवार को कहा कि ‘कोरोना संकट की घड़ी में अगर डॉक्टरों ने प्रतिबद्धता नहीं दिखाई होती तो कोई सुपर मैन इस दुनिया को नहीं बचा पाता। इस संकट के दौरान पूरी दुनिया ने समझ लिया कि हमारे असली सुपर मैन डॉक्टर, नर्स और पैरा मेडिकल स्टाफ हैं।’ रक्षा मंत्री किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय (केजीएमयू) के स्थापना दिवस समारोह के समापन सत्र को मुख्य अतिथि के तौर पर वीडियो कांफ्रेंस के जरिये संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी में चिकित्सा क्षेत्र के लोगों ने जिस तरह सेवा की उसके लिए पूरी मानवता उनकी कर्ज़दार रहेगी। उन्होंने कहा, ”मैं देश का रक्षा मंत्री हूं और इस नाते आपसे अनुरोध कर रहा हूं कि आप सेना को भी अपनी सेवा देने के लिए आगे आएं।”
उन्होंने कहा चिकित्सा क्षेत्र में केजीएमयू का पूरे देश में अपना एक अलग मकाम है, सौ साल में इसने करोड़ों रोगियों का उपचार किया है। केजीएमयू का नाम सुनकर हर किसी के मन में सम्मान पैदा होता है। इस संस्था ने ऐसे चिकित्सक दिये हैं जो खुद में एक संस्थान हैं। गौतमबुद्ध का स्मरण करते हुए सिंह ने कहा, ”दुनिया में स्वास्थ्य और ज्ञान से बड़ा कोई धन नहीं है। चिकित्सा का विज्ञान संतुलन पर टिका है और संतुलन स्वयं में एक विचार है। कोई भी परिस्थिति आए हमें संतुलन को कभी नहीं भूलना चाहिए।”
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केजीएमयू के कुलपति की सराहना करते हुए सिंह ने कहा कि पूरी दुनिया में खासतौर से मेडिकल क्षेत्र में इस साल को लंबे समय तक याद किया जाएगा क्योंकि इसने स्वास्थ्य क्षेत्र को ऐसी लड़ाई लड़ने के लिए प्रेरित किया जिसकी किसी ने कल्पना भी नहीं की थी। उन्होंने कहा, ”जब हम सामान्य जंग की बात करते हैं तो हमारे सामने फौज और हथियारों की तस्वीर दिखाई देती है लेकिन कोरोना के खिलाफ लड़ाई ऐसा युद्ध है जहां फ्रंट लाइन पर भारत ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया के डॉक्टर और पैरा मेडिकल स्टाफ योद्धाओं की भांति लड़े हैं और लड़ रहे हैं।”
उन्होंने कहा, ”डॉक्टरों के परिश्रम को मैं शब्दों में बयान नहीं कर सकता क्योंकि बिना थके और रुके वे लगातार काम करते रहे और ऐसे हालत में लड़े जो उनके पहले की कई पीढ़ियों ने देखा ही नहीं। यह लड़ाई अभी खत्म नहीं हुई क्योंकि ब्रिटेन में कोरोना के नये वायरस सामने आये हैं और यह लड़ाई तब तक जारी रहेगी जब कोरोना का वैक्सीन पूरी दुनिया को उपलब्ध नहीं हो जाता।” रक्षा मंत्री ने कहा, ”हमारी सरकार में मोटे तौर पर सहमति बन गई है कि जब भी देश में टीकाकरण शुरू होगा तो सबसे पहले डॉक्टरों, पैरा मेडिकल स्टाफ और अन्य स्वास्थ्यकर्मियों को टीका लगाया जाएगा। टीका वितरण की पूरी तैयारी कर ली गई है और यहां के वैज्ञानिक जल्द ही उसका परीक्षण भी कर लेंगे। वैसे रूस में विकसित स्पूतनिक टीका जल्द भारत आ रहा है।”
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