बजट सत्र, सदन में पेयजल, ओवरब्रिज, श्रमिक सहित कई मुद्दों की गूंज, जवाब से असंतुष्ट विपक्ष का वॉकआउट

बजट सत्र, सदन में पेयजल, ओवरब्रिज, श्रमिक सहित कई मुद्दों की गूंज, जवाब से असंतुष्ट विपक्ष का वॉकआउट

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  • Publish Date - February 20, 2019 / 06:58 AM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:46 PM IST

रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा के बजट सत्र के 9वें दिन यानी आज भी कई मुद्दों की गूंज सुनाई पड़ी। रायगढ़ से कांग्रेस विधायक प्रकाश नायक ने रायगढ़ -कोतरा बाईपास में रेलवे फाटक के पास ओवर ब्रिज निर्माण की स्वीकृति के बाद भी निर्माण शुरू नहीं होने का सवाल दागा। उन्होंने कहा कि चुनाव सामने है इसलिए इसके निर्माण की तारीख भी बताई जाए।

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इस पर PWD मंत्री ताम्रध्वज साहू ने तारीख बताने में तो असमर्थता जताई लेकिन कहा कि काम जल्द शुरू कर दिया जाएगा। इस पर बीजेपी के एक सदस्य ने चुनाव को देखते हुए निर्माण कार्य के सवाल पर आपत्ति जताई। हालांकि विधायक प्रकाश नायक ने इस चुनाव नहीं जनहित से जुड़ा मुद्दा बताते हुए माफी मांगी। सदन में नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने रजिस्टर्ड श्रमिकों के लिए संचालित योजनाओं में लंबित आवेदनों की जानकारी जिस पर मंत्री शिव डहरिया ने बताय कि आचार संहिता से पहले 80 हजार आवेदन लंबित थे जिनका निराकरण कर लिया गया है।

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करीब ढाई हजार आवेदन और लंबित है जिन्हें जल्द सुलझा लिया जाएगा। कौशिक ने आरोप लगाया कि 15 दिन में किसी का श्रम कार्ड नहीं बन रहा है। सदन में चिटफंड कंपनियों का मुद्दा भी उठा। कौशिक के सवाल पर गृहमंत्री ने लिखित जवाब में कहा कि 2017-18 में चिटफंड कंपनियों ने 62 हजार 1 सौ 66 लोगों से एक अरब 27 करोड़ 17 लाख 84 हजार का गबन किया है। इन फर्जी कम्पनियों के खिलाफ 199 प्रकरण दर्ज हैं। उन्होंने ये भी साफ किया कि प्रदेश में कोई भी चिटफंड कंपनी रिजस्टर्ड नहीं है।

कांग्रेस के दीपक बैज ने चित्रकोट मोटल से हुए मुनाफे की जानकारी मांगी जिस पर मंत्री ताम्रध्वज साहू ने मोटल से दो साल में हुए मुनाफे की जानकारी दी। बीजेपी के सौरभ सिंह ने अकलतरा में पावर प्लांट के मजदूरों के लंबित भुगतान की जानकारी मांगी जिसे पर मंत्री शिव डहरिया ने 167 मजदूरों के 76 लाख बकाया होने की जानकारी दी। साथ ही ये भी बताया की मामला लेबर कोर्ट में लगा है। किसी अधिकारी पर कार्रवाई की मांग को लेकर बीजेपी के सदस्य अड़े रहे। सत्ता पक्ष पर बीजेपी ने दोषी अधिकारियों को बचाने का आरोप लगाया और जवाब से असंतुष्ट होकर सदन से वॉकआउट कर दिया।