मुस्लिम महिलाओं को दिलाएंग बुर्के से आजादी, यह अमानवीय व्यवहार ही नहीं कुप्रथा भी: संसदीय कार्य राज्य मंत्री आनन्द स्वरूप शुक्ल

मुस्लिम महिलाओं को दिलाएंग बुर्के से आजादी, यह अमानवीय व्यवहार ही नहीं कुप्रथा भी: संसदीय कार्य राज्य मंत्री आनन्द स्वरूप शुक्ल

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  • Publish Date - March 24, 2021 / 11:44 AM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 07:55 PM IST

बलिया: उत्तर प्रदेश के संसदीय कार्य राज्य मंत्री आनन्द स्वरूप शुक्ल ने “बुर्के को अमानवीय व्यवहार व कुप्रथा” करार देते हुए बुधवार को कहा कि देश में तीन तलाक की तर्ज पर “मुस्लिम महिलाओं को बुर्के से भी मुक्ति दिलाई जाएगी।” संसदीय कार्य राज्य मंत्री शुक्ल ने बुधवार को यहां संवाददाताओं से कहा,“देश में मुस्लिम महिलाओं को बुर्के से भी मुक्ति दिलाई जाएगी।”

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उन्होंने दावा किया, “अनेक मुस्लिम देशों में बुर्के पर पाबंदी है और यह अमानवीय व्यवहार व कुप्रथा है।” उन्होंने इसके साथ ही कहा कि विकसित सोच वाले लोग न तो बुर्का पहन रहे हैं और न ही इसे बढ़ावा दे रहे हैं । मंत्री शुक्ल ने मंगलवार को बलिया में स्थित मस्जिदों में लाउडस्पीकर की ध्वनि नियंत्रित करने व लाउडस्पीकर को हटाने के लिए जिलाधिकारी को पत्र लिखा था।

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अजान को लेकर अपने बयान पर शुक्ल ने कहा कि उन्होंने आम लोगों की शिकायत पर मस्जिद में लगाये गये ध्वनि विस्तारक यंत्र के कारण हो रही परेशानी का उल्लेख करते हुए जिलाधिकारी को पत्र लिखा है । उन्होंने कहा कि तड़के चार बजे अजान शुरू हो जाती है तथा इसके बाद चंदे के सम्बंध में चार से पांच घंटे सूचना प्रसारित की जाती है जिसके कारण उन्हें पूजा-पाठ, योग, व्यायाम व शासकीय कार्य के निर्वहन में दिक्कत आती है।

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मंत्री ने कहा कि आम लोग डायल 112 पर कॉल कर मस्जिद में लगाये गये ध्वनि विस्तारक यंत्र के कारण हो रही दिक्कत की सूचना दे सकते हैं। उन्होंने कहा कि उन्होंने जिलाधिकारी को जो पत्र लिखा है, उस पर कार्रवाई होगी । शुक्ल ने कहा कि अगर उनके पत्र पर कार्रवाई नहीं होती है तो वह आगे कदम उठाएंगे ।

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