उप्र ग्रामीण आजीविका मिशन व यूएन-डब्ल्यूएफपी के बीच हुआ समझौता

उप्र ग्रामीण आजीविका मिशन व यूएन-डब्ल्यूएफपी के बीच हुआ समझौता

उप्र ग्रामीण आजीविका मिशन व यूएन-डब्ल्यूएफपी के बीच हुआ समझौता
Modified Date: November 29, 2022 / 08:04 pm IST
Published Date: September 8, 2020 3:00 pm IST

लखनऊ, आठ सितम्बर (भाषा) उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों में आंगनबाड़ी केंद्रों में पुष्टाहार वितरण में तकनीकी सहयोग के लिए मंगलवार को राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन एवं संयुक्त राष्ट्र की संस्थ विश्‍व खाद्य कार्यक्रम (यूएन-डब्ल्यूएफपी) के बीच एक समझौते पर दस्तखत किए गए।

राज्य सरकार के एक प्रवक्ता ने बताया कि उत्तर प्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन द्वारा एकीकृत बाल विकास सेवा (आईसीडीएस) के साथ मिलकर प्रदेश के 18 जनपदों के 204 विकास खण्डों में पुष्टाहार उत्पादन कर आंगनबाड़ी केन्द्रों में वितरित किया जाएगा। इस कार्य में यूएन-डब्ल्यूएफपी से तकनीकी सहयोग हासिल करने के लिए यह अनुबन्ध किया गया है।

इस मौके पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मौजूद थे। उन्होंने कहा कि इस योजना का उद्देश्य पुष्टाहार उत्पादन इकाई के जरिये स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं को स्थायी रूप से आजीविका उपलब्ध कराना, पुष्टाहार उत्पादन इकाई के माध्यम से आईसीडीएस की मांग को पूरा करना तथा लाभार्थियों को समय पर पूरक पोषण आहार की आपूर्ति किया जाना है।

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योगी ने कहा कि पुष्टाहार उत्पादन का कार्य जनपद अलीगढ़, अम्बेडकर नगर, औरैया, बागपत, बांदा, चन्दौली, इटावा, बिजनौर, फतेहपुर, गोरखपुर, कन्नौज, लखीमपुर खीरी, लखनऊ, मैनपुरी, मिर्जापुर, प्रयागराज, सुल्तानपुर तथा उन्नाव में किया जाएगा। अन्य जनपदों में भी इसे शुरू किया जाएगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि आजीविका मिशन के माध्यम से 3,000 से अधिक समूहों की महिलाएं उद्यमी बनेंगी और उनके पास स्थायी रोजगार उपलब्ध होगा। प्रत्येक महिला को वर्ष में 240 दिन से अधिक का रोजगार प्राप्त होगा। आंगनबाड़ी केन्द्रों को वितरित किये जाने वाले पूरक पोषण आहार पर प्राप्त लाभ में भी हिस्सा प्राप्त होगा। परियोजना का एक वर्ष का ‘टर्न ओवर’ 1,200 करोड़ रुपये होगा।

कार्यक्रम को ग्राम्य विकास मंत्री मोती सिंह और यूएन-डब्ल्यूएफपी के कंट्री डायरेक्टर बिशो पराजुली ने भी सम्बोधित किया।

भाषा सलीम अविनाश

अविनाश


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