मध्यप्रदेश का बजट प्रदेश को आत्मनिर्भर बनाने का बजट : मुख्यमंत्री चौहान

मध्यप्रदेश का बजट प्रदेश को आत्मनिर्भर बनाने का बजट : मुख्यमंत्री चौहान

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  • Publish Date - March 2, 2021 / 12:49 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 09:01 PM IST

भोपाल, दो मार्च (भाषा) मध्यप्रदेश विधानसभा में मंगलवार को पेश किए गए प्रदेश सरकार के बजट को ”मध्यप्रदेश को आत्मनिर्भर बनाने का बजट” बताते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि सरकार ने इसे अंतिम रूप देने से पहले विशेषज्ञों के सुझाव आमंत्रित किए गए थे।

वहीं विपक्षी दल कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ ने इसे ‘झूठ का पुलिन्दा, दिशाहीन, निराशाजनक और केवल आंकड़ों का जाल’ बताया।

मध्यप्रदेश के वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा द्वारा सदन में बजट पेश किए जाने के बाद विधानसभा परिसर में मुख्यमंत्री चौहान ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘यह बजट प्रदेश को प्रगति के पथ पर ले जाएगा। मध्यप्रदेश तेज गति से आत्म-निर्भरता के मार्ग पर बढ़ेगा। गत वर्ष की तुलना में नए वित्त वर्ष में पूँजीगत व्यय में 42 प्रतिशत की वृद्धि, आत्म निर्भर मध्यप्रदेश के लिए नौ नए मिशन और नागरिकों के जीवन को आसान बनाने वाले बुनियादी क्षेत्रों में आवश्यक सुविधाओं के लिए पर्याप्त राशि का प्रावधान इस बजट की विशेषता है। यह बजट ‘सर्वे भव्‍य सुखिन: सर्वे रिपोर्ट निरामया’ के ध्येय वाक्य को लागू करने का माध्यम है।” उन्होंने कहा कि यह बजट सरकार के विजन और मिशन का प्रतिबिंब है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्य को पूरा करने के लिए आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश का संकल्प सितंबर 2020 में लिया गया। अधोसंरचना, स्वास्थ्य और शिक्षा, अर्थ-व्यवस्था और रोजगार को आधार बनाया गया। इन प्राथमिकताओं के अनुसार दीर्घावधिक दृष्टिकोण से बजट बनाया गया है।

उन्होंने कहा कि आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश के तहत नौ नए मिशन संचालित होंगे। भौतिक अधोसंरचना के तहत मिशन निर्माण, मिशन ग्रामोदय और मिशन नगरोदय प्रारंभ होगा। शिक्षा एवं स्वास्थ्य के अंतर्गत मिशन निरामय और मिशन बोधि प्रारंभ होंगे। अर्थ-व्यवस्था और रोजगार के तहत मिशन अर्थ, मिशन और मिशन स्वावलंबन शुरू किए जाएंगे। इसके अलावा आत्म निर्भर मध्यप्रदेश के रोडमैप के एक महत्वपूर्ण स्तंभ सुशासन के तहत भी एक मिशन शुरू होगा, जिसका नाम मिशन जन-गण होगा।

मध्य प्रदेश की अर्थव्यवस्था का जिक्र करते हुए चौहान ने कहा कि कोविड-19 संकट के बावजूद 2019-20 की तुलना में प्रदेश की जीडीपी में महज 2.12 प्रतिशत की कमी आई है जबकि इसके 7-8 प्रतिशत गिरने की आशंका थी।

वहीं, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष और विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष कमलनाथ ने प्रदेश सरकार के बजट को झूठ का सौदा, दिशाहीन बताते हुए कहा कि उम्मीद थी कि इस बजट में पेट्रोल-डीज़ल की कीमतों में वृद्धि से जनता को राहत प्रदान करने के लिए वैट में कमी की जाएगी, पंजीयन शुल्क में कमी होगी, कांग्रेस सरकार की किसान क़र्ज़ माफ़ी योजना को आगे बढ़ाया जाएगा, रोज़गार के नए अवसर को लेकर ठोस कार्ययोजना होगी, बदहाल शिक्षा व स्वास्थ्य के क्षेत्र में ठोस कार्ययोजना होगी प्रदेश में बढ़ती बहन-बेटियों की दरिंदगी की घटनाओं को रोकने के लिए ठोस कार्ययोजना होगी, शासकीय कर्मचारियों के लिए डीए व डीआर देने की बात होगी, कोरोना काल में ध्वस्त अर्थव्यवस्था को देखते हुए उद्योग-व्यवसाय को राहत प्रदान करने के लिए कारगर उपाय होगा लेकिन सब कुछ नदारद?

उन्होंने कहा कि लोगों को पंजीकरण शुल्क में कोई छूट नहीं दी गई है और बजट में युवाओं के लिए रोजगार पैदा करने के लिए कोई ठोस कार्य-योजना नहीं है।

नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि अर्थव्यवस्था को ठीक करने के लिये उद्योग और व्यवसाय को कोई राहत नहीं दी गयी है।

भाषा दिमो अर्पणा

अर्पणा