महाराष्ट्र में पत्रकार की कोविड-19 देखरेख केंद्र में मौत, परिवार ने सरकार को जिम्मेदार ठहराया
महाराष्ट्र में पत्रकार की कोविड-19 देखरेख केंद्र में मौत, परिवार ने सरकार को जिम्मेदार ठहराया
पुणे, दो सितंबर (भाषा) मराठी चैनल के 42 वर्षीय एक पत्रकार की बुधवार को यहां के कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग (सीओईपी) में बने विशाल कोविड-19 मरीज देखभाल केंद्र में मौत हो गई।
पुणे नगर निगम के आयुक्त विक्रम कुमार ने बताया कि मामले की जांच करने के आदेश दिए गए हैं।
जिलाधिकारी राजेश देशमुख ने बताया कि उप मुख्यमंत्री अजित पवार ने कार्डियक एंबुलेंस (उन्नत जीवन रक्षक प्रणाली से युक्त एंबुलेंस) की अनुलब्धता की जांच करने के निर्देश दिए हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘मुझे सूचना मिली है कि पत्रकार को अहमदनगर जिले से आक्सीजन युक्त एंबुलेंस से यहां लाया गया था और विशाल कोविड-19 देखरेख केंद्र में भर्ती कराया गया था जहां पर उनका इलाज चल रहा था।’’
मृतक पत्रकार की बहन ने कहा कि उनका भाई आज जिंदा होता अगर समय पर कार्डियक एंबुलेंस उपलब्ध होता।
उन्होंने कहा, ‘‘ मेरे भाई की मौत इसलिए हुई क्योंकि समय पर एंबुलेंस नहीं मिली।’’
उन्होंने आरोप लगाया कि 800 बिस्तरों के कोविड-19 मरीज देखभाल केंद्र में कुप्रबंधन का बोलबाला है और यहां पर केवल प्रशिक्षु डॉक्टर तैनात हैं।
बहन ने कहा, ‘‘हमने खाना और दवाएं भाई को भेजी थी लेकिन वह उन तक नहीं पहुंची।’’
मृतक पत्रकार के एक सहकर्मी ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि उनकी हालत कोविड-19 मरीज देखभाल केंद्र में भर्ती करने के एक दिन बाद मंगलवार रात को बिगड़ने लगी।
उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘ हालत बिगड़ने पर उन्हें निजी अस्पताल में भर्ती कराया जाना था, जहां पर हमने उनके लिए किसी तरह आईसीयू बिस्तर की व्यवस्था कर ली थी, लेकिन कार्डियक एंबुलेंस नहीं मिलने की वजह से समय पर नहीं पहुंच सके।’’
इस बीच, भाजपा के महाराष्ट्र प्रदेश अध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल ने घटना के लिए प्रशासन के असंवेदनशील और लापरवाह रवैये को जिम्मेदार ठहराया है।
भाजपा विधायक सिद्धार्थ शिरोले ने कहा कि कोविड-19 मरीज देख भाल केंद्र में आवश्यक चिकित्सा सुविधाओं की कमी है।
भाषा धीरज नरेश
नरेश

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