रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आज नेताजी सुभाषचन्द्र बोस की 125वीं जयंती के अवसर पर इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के बायोटेक इन्क्यूबेशन सेन्टर एवं एग्री-बिजनेस इंक्यूबेशन एवं उत्पादन केन्द्र का शुभारंभ किया। मुख्यमंत्री ने इन्क्यूबेशन सेंटर का नामकरण महान स्वतंत्रता संग्राम सेनानी नेताजी सुभाषचंद्र बोस के नाम पर करने की घोषणा की। मुख्यमंत्री निवास कार्यालय में आयोजित इस ऑनलाइन कार्यक्रम में बघेल ने 30 करोड़ रूपये रूपए की लागत से बन रहे बायोटेक इन्क्यूबेशन सेन्टर भवन का शिलान्यास किया एवं 2 करोड़ रूपये की लागत से नवनिर्मित एग्री-बिजनेस इंक्यूबेशन एवं उत्पादन केन्द्र का शुभारंभ किया।
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मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर राज्य योजना आयोग के कक्षों का नामकरण किया, आइडिया कैफे का लोकार्पण भी किया। मुख्यमंत्री ने राज्य योजना आयोग के कार्यालय में बनाए गए ब्रेन स्टारमिंग सेंटर का नामकरण नेताजी सुभाषचंद्र बोस के नाम पर, लाइब्रेरी का नामकरण संविधान निर्माता डाॅ.भीमराव अम्बेडकर के नाम पर अम्बेडकर लाइब्रेरी, 30 व्यक्तियों की क्षमता वाले सभागार का नामकरण देश के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू के नाम पर जवाहर हाल और 80 व्यक्तियों की क्षमता वाले सभागार का नामकरण राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के नाम पर महात्मा हाल करने की घोषणा की।
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मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर प्रदेश के सभी विश्वविद्यालयों में इन्क्यूबेशन एवं उत्पादन केंद्र प्रारंभ करने का आव्हान करते हुए कहा कि गढ़बो नवा छत्तीसगढ़ अभियान में उत्पादक युवाओं की महत्वपूर्ण भूमिका होगी। सभी शैक्षणिक संस्थाएं युवाओं में उद्यमशीलता का विकास करने की दिशा में काम करें। इन्क्यूबेशन सेंटर में युवाओं को अनुसंधान एवं शोध हेतु प्रयोगशाला की सुविधाएं, तकनीकी मार्गदर्शन, बिजनेस नेटवर्किंग के लिए मार्गदर्शन, वित्तीय और ऋण सहायता की सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएगी। कार्यक्रम की अध्यक्षता योजना, आर्थिक एवं सांख्यिकी मंत्री अमरजीत भगत ने की। मुख्यमंत्री के सलाहकार सर्व प्रदीप शर्मा, विनोद वर्मा, रुचिर गर्ग और राजेश तिवारी, राज्य योजना आयोग के उपाध्यक्ष अजय सिंह, पुलिस महानिदेशक डी.एम.अवस्थी, कृषि उत्पादन आयुक्त एवं सचिव डॉ. एम.गीता, इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. एस. के.पाटिल भी उपस्थित थे।
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उल्लेखनीय है कि इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय, रायपुर तथा कृषि विकास एवं किसान कल्याण तथा जैव प्रौद्योगिकी विभाग छत्तीसगढ़ शासन के संयुक्त उपक्रम से स्थापित बायोटेक्नालॉजी पार्क के प्रथम चरण में इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय परिसर में 30 करोड़ रूपये की लागत से बायोटेक इन्क्यूबेशन सेन्टर स्थापित होगा। पंचवर्षीय योजना का क्रियान्वयन दो चरणों में पूर्ण होगा। प्रथम चरण के अंतर्गत इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय परिसर में बायोटेक इन्क्यूबेशन सेन्टर की स्थापना की जा रही है। सेन्टर की स्थापना दो वर्ष की अवधि में पूर्ण कर ली जाएगी। इस केन्द्र भवन का निर्माण साढ़े 13 करोड़ की लागत से किया जाएगा। जहां लगभग 16 करोड़ रूपए की लागत से अत्याधुनिक प्रयोगशाला, उपकरण सहित अन्य जरूरी सुविधाएं विकसित की जाएंगी। सभी अधोसंरचनाएं बीएस 4 मापदंड की होगी।
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इस केन्द्र में 23 कम्पनियों को तीन वर्ष तक कार्यालय, प्रयोगशाला की सुविधा तकनीकी मार्गदशन और बिजनेस नेटवर्किंग की सुविधा व्यवसाय स्थापित करने के लिए दी जाएगी। इस केन्द्र में एग्री बायोटेक, हेल्थ केयर बायोटेक, फूड प्रोसेसिंग में काम करने वाली कम्पनियों को प्राथमिकता मिलेगी। इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के एग्री बिजनेस इन्क्यूबेशन एवं उत्पादन केन्द्र में 94 युवा उद्यमियों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है। युवा उद्यमियों द्वारा इस सेंटर में प्रारंभ की गई 24 कम्पनियों के कार्यालय का भी मुख्यमंत्री ने शुभारंभ किया। इन स्टार्टअप को उद्योग एवं व्यवसाय के लिए 2 करोड़ 26 लाख रूपए का अनुदान प्राप्त हुआ है। इन स्टार्टअप्स ने अब लगभग 10 करोड़ रूपए का व्यवसाय कर लिया है।
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योजना मंत्री अमरजीत भगत ने कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कहा कि राज्य योजना आयोग ने पुर्नगठन के बाद पिछले दो वर्षों में नवीन योजनाओं को तैयार करने और नवाचार को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। थिंक टेंक के रूप में राज्य योजना आयोग ने सुराजी गांव योजना, महिला स्वसहायता समूहों के स्वावलंबन, गौठानों के विकास, राजीव गांधी किसान न्याय योजना, गोधन न्याय योजना और अतिशेष धान से इथेनाॅल उत्पादन जैसी महत्वाकांक्षी योजनाएं तैयार की। जिनका सकारात्मक असर दिख रहा है। मुख्यमंत्री के सलाहकार प्रदीप शर्मा ने भी कार्यक्रम को सम्बोधित किया। राज्य योजना आयोग के उपाध्यक्ष अजय सिंह ने पिछले दो वर्षों में राज्य योजना आयोग द्वारा किए गए कार्यो पर प्रकाश डाला।
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इंदिरा गांधी विश्वविद्यालय के कुलपति डाॅ. एस.के. पाटिल ने बायोटेक इन्क्यूबेशन सेन्टर एवं एग्री-बिजनेस इंक्यूबेशन एवं उत्पादन केन्द्र के उद्देश्यों, कार्यो और युवा उद्यमियों को मिलने वाली सुविधाओं के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि इस परियोजना के द्वितीय चरण में रायपुर जिले के आरंग तहसील के ग्राम मुनगी में 9.59 हेक्टेयर भूमि पर बिजनेस इन्टरप्राइज जोन की स्थापना की जाएगी। इसके लिए राज्य शासन द्वारा ग्राम मुनगी में भूमि आबंटित कर दी गई है। इस केन्द्र में 23 कंपनियों को 3 वर्ष तक अनुसंधान, तकनीकी एवं अधोसंरचना सुविधायें प्रदान की जाएगी। राष्ट्रीय कृषि विकास योजना-रफ्तार एवं इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय, रायपुर के संयुक्त उपक्रम से स्थापित एग्री बिजनेस इन्क्यूबेशन सेन्टर द्वारा कृषि संबंधित स्टार्टअप को बढ़ावा देने के लिए अभिनव एवं उद्भव कार्यक्रम प्रारंभ किये गए हैं।
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अभिनव कार्यक्रम के तहत युवाओं से कृषि एवं संबंधित क्षेत्रों में ऐसे नवाचारी विचार आमंत्रित किये जा रहे हैं जिस पर आधारित स्टार्टअप उद्योग शुरू किया जा सकते हैं। चयनित नवाचारी विचारों के लिए पांच लाख रूपये की प्रोत्साहन राशि दी जाएगी। इसी प्रकार उदभव कार्यक्रम के तहत उन उद्यमियों से प्रस्ताव आमंत्रित किये गये हैं जिनका कम्पनी के रूप में पंजीयन हो चुका है जिनके पास स्टार्टअप संबंधी कोई प्रारंभिक उत्पाद उपलब्ध हैं जिसका वे व्यवसायीकरण करना चाहते हैं। चयनित प्रस्तावों के व्यवसायीकरण हेतु पच्चीस लाख रूपये की वित्तीय सहायता उपलब्ध करायी जाएगी। कार्यक्रम में सेन फ्रांसिसकों से वेंकेटेश शुक्ला, नई दिल्ली से डाॅ. विजय महाजन, आईआईटी खड़गपुर से प्रो. भदौरिया, विश्वविद्यालयों के कुलपति और युवा उद्यमी भी कार्यक्रम से आॅनलाइन जुड़े।