बस्तर। दंतेवाड़ा के किरंदुल में खनन के लिए अडानी ग्रुप को आवंटित खदान नंबर-13 की जमीन को लेकर 2014 में हुई कथित फर्जी ग्रामसभा पर आज जांच टीम बयान लेगी। किरंदुल के हिरोली गांव पहुंचकर जांच टीम ग्रामीणों के बयान लेगी। जांच दल कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच हिरोली पहुंचेगा।
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हालांकि सुरक्षाबल और जांच टीम हिरोली गांव न पहुंच सकें, इसलिए नक्सलियों ने किरंदुल से हिरोली पहुंच मार्ग को कई जगह काट दिया है। इधर जांच टीम की बात करें तो प्रशासन ने 50 लोगों की टीम बनाई है। इसमें दंतेवाड़ा SDM, बचेली तहसीलदार, ARI, पटवारी, कंप्यूटर ऑपरेटर और गोंडी और हिंदी के ट्रांसलेटर समेत आधा दर्जन वीडियोग्राफर शामिल हैं।
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बता दें कि कथित फर्जी ग्रामसभा की जांच दंतेवाड़ा जिला प्रशासन को 28 जून तक पूरी करनी है। इस जांच की अहम कड़ी वो 107 ग्रामीण और पंचायत प्रतिनिधि हैं, जिनके नाम का ग्राम सभा के प्रस्ताव में जिक्र है। जिला प्रशासन को पंचायत सचिव से 2014 में हुई कथित ग्राम सभा का जो रिकॉर्ड मिला है, उसमें ग्रामीणों के पते का जिक्र नहीं था। इसलिए समान नाम वाले सभी लोगों के बयान के लिए नोटिस दिया गया है।
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दरअसल नंदराज पहाड़ी को बचाने के लिए बस्तर के आदिवासी आंदोलन कर रहे थे, और बैलाडीला खदान अडानी को देने का विरोध कर रहे हैं। बैलाडीला के लौह अयस्क खदान नंबर 13 को अडानी के हाथों में दिए जाने का जमकर विरोध किया जा रहा है। आदिवासियों का दैवीय स्थल नंदराज पहाड़ी, जिसको चूर-चूर करने की मंशा पर आदिवासी सवाल उठा रहे हैं। आदिवासी भांप रहा है कि बस्तर में मची लूट, बस्तरिहा के लिए कितनी घातक है। चाहे वो बस्तर के जंगल हो या बस्तर के देवता। अपने अधिकार के लिए रास्ता नापते ये आदिवासी, चेतावनी दे रहे हैं कि कोई भी आदिवासी अपनी अस्मिता और संस्कृति से खिलवाड़ बर्दाश्त नहीं करेगा।
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