बैकफुट पर कंगना, BMC के खिलाफ दायर अपील की विड्रा, अब नियमितीकरण के लिए करेंगी आवेदन

बैकफुट पर कंगना, BMC के खिलाफ दायर अपील की विड्रा, अब नियमितीकरण के लिए करेंगी आवेदन

  •  
  • Publish Date - December 4, 2022 / 03:42 AM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:38 PM IST

मुंबई, 10 फरवरी (भाषा)। अभिनेत्री कंगना रनौत ने बुधवार को बंबई उच्च न्यायालय से कहा कि वह खार इलाके में स्थित अवासीय फ्लैटों में कथित अनियमितता के संबंध में मुंबई नगर निकाय में नियमितीकरण का आवेदन दायर करेंगी।

रनौत के वकील बीरेंद्र सराफ ने दिसंबर 2020 में दीवानी अदालत के फैसले के खिलाफ दायर अपील को वापस लेने का अनुरोध किया। उपनगर खार की एक इमारत में तीन फ्लैटों को अवैध रूप से मिलाने पर बृन्हमुंबई महानगरपालिका (एमसीजीएम) के नोटिस को चुनौती दी थी लेकिन उनके मुकदमे को दीवानी अदालत ने खारिज कर दिया था।

न्यायमूर्ति पृथ्वीराज चव्हाण ने रनौत को अपील वापस लेने की इजाजत दे दी और कहा कि नियमितीकरण के आवेदन को जब तक नगर निकाय सुन नहीं लेता और फैसला नहीं कर लेता तब तक और उसके दो हफ्ते बाद तक कोई दंडात्मक कार्रवाई नहीं की जाए।
Read More News: शौक बड़ी चीज है! पान ठेला चलाने वाले धरमू ने पोटली में जमा कर रखे हैं गुजरे जमाने के कीमती सिक्के

न्यायमूर्ति चव्हाण ने कहा, ” अपीलकर्ता (रनौत) को एमसीजीएम के समक्ष चार हफ्तों में नियमितीकरण का आवेदन देने की इजाजत दी जाती है।”

अदालत ने कहा कि निगम कानून के तहत उनके आवेदन पर तेजी से फैसला करे।

अदालत यह भी कहा, ” अपीलकर्ता के खिलाफ विपरीत आदेश की सूरत में, बीएमसी द्वारा उनके खिलाफ कोई दंडात्मक कार्रवाई न की जाए ताकि अपीलकर्ता अपील दायर कर सकें। ”

एमसीजीएम को बृन्हमुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) के नाम से भी जाना जाता है।
Read More News: डिजिटल सिग्नेचर और नामांतरण के लिए पैसा मांगना डगनिया और भांटागांव पटवारी को पड़ गया भारी, हुए निलंबित

शहर के नगर निकाय ने उपनगर खार के ऑर्चिड ब्रीज इमारत में रनौत की मिल्कियत वाले तीन फ्लैटों को कथित अवैध रूप से मिलाने के मामले में अभिनेत्री को मार्च 2018 में नोटिस जारी किया था।

दिंडोशी की दीवानी अदालत ने पिछले साल दिसंबर में नोटिस के खिलाफ उनका मुकदमा खारिज कर दिया था। इसके बाद रनौत ने उच्च न्यायालय का रुख किया था।

गौरतलब है कि नगर निकाय ने पिछले साल पाली हिल इलाके में स्थित रनौत के बंगले में कथित अवैध निर्माण को तोड़ने की कार्रवाई शुरू की थी।

बाद में उच्च न्यायालय ने बीएमसी की कार्रवाई को अवैध तथा दुर्भावनापूर्ण बताया था।