चंदे का हिसाब देने से अगर ‘रामहित’ प्रभावित होता है तो ‘जनहित’ में पनामा का ही हिसाब दे दें रमन सिंह- आरपी सिंह

चंदे का हिसाब देने से अगर 'रामहित' प्रभावित होता है तो 'जनहित' में पनामा का ही हिसाब दे दें रमन सिंह- आरपी सिंह

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  • Publish Date - January 16, 2021 / 01:07 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:38 PM IST

रायपुर। कांग्रेस के वरिष्ठ प्रवक्ता आरपी सिंह ने एक बयान जारी करके पूर्व मुख्यमंत्री और वर्तमान में भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डॉ रमन सिंह से कहा है कि अगर भाजपा से राम मंदिर निर्माण के चंदे का हिसाब मांगना रामहित को प्रभावित करता है तो फिर आप जनहित में पनामा घोटाले का हिसाब ही बता दें!

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कांग्रेस प्रवक्ता आरपी सिंह ने सवाल खड़ा किया है कि ऐसे समय में जब राम जन्म भूमि विवाद का निपटारा माननीय उच्चतम न्यायालय द्वारा कर दिया गया है और जो सभी पक्षों को मान्य भी है। ऐसे समय में भारतीय जनता पार्टी और उनके आनुषंगिक संगठनों द्वारा राम मंदिर निर्माण के लिए चंदा मांगना कहीं अपनी जेब भरने का उपक्रम तो नहीं है?

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प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता आरपी सिंह ने कहा है कि चंदे पर सवाल उठाना अगर “रामहित“ प्रभावित करता है तो डॉक्टर रमन सिंह जी को अब “जनहित“ में पनामा घोटाले का हिसाब छत्तीसगढ़ की जनता को देना चाहिए। अब जब यह स्पष्ट हो चुका है की ‘अभिषाक सिंह’ ही उनके बेटे ‘अभिषेक सिंह’ हैं और डॉ रमन सिंह ही वह व्यक्ति हैं जिनका पता ‘‘रमन मेडिकल स्टोर, कवर्धा’’ है तब प्रदेश की जनता को सब कुछ जानने का अधिकार है। डॉक्टर रमन सिंह को प्रदेश की जनता को पनामा कांड के घोटाले से जुड़े हुए सभी तथ्यों से अवगत कराना चाहिए। मसलन यह घोटाला कुल कितने करोड़ का था? इस घोटाले में उपयोग की गई रकम की वर्तमान स्थिति क्या है? इस घोटाले में कौन-कौन शामिल थे? क्या 36हजार करोड़ रुपए के नान घोटाले का पैसा इसमें गया या फिर छत्तीसगढ़ शासन ने उस समय जो अगुस्ता हेलीकॉप्टर खरीदा था उसका कमीशन इसमें शामिल था?

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माननीय उच्चतम न्यायालय के आदेश में यह स्पष्ट है कि केंद्र सरकार राम मंदिर निर्माण के लिए एक ट्रस्ट का गठन करेगी और ट्रस्ट जन सहयोग से वहां भव्य राम मंदिर का निर्माण करेगा। माननीय उच्चतम न्यायालय के फैसले में कहीं भी इस बात का जिक्र नहीं है कि राम मंदिर निर्माण के लिए आर.एस.एस., विश्व हिंदू परिषद या फिर भारतीय जनता पार्टी चंदा मांगने के लिए अधिकृत है।

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जब भाजपा, संघ और उसके अन्य किसी आनुषंगिक संगठन के चंदा मांगने की बात माननीय उच्चतम न्यायालय के फैसले में नहीं है तो फिर चंदा मांगने का अधिकार इन्हें कहां से मिला? तमाम ऐसे सवाल हैं जो प्रदेश की जनता जानना चाहती है। उम्मीद ही नहीं विश्वास है कि डॉक्टर रमन सिंह “रामहित“ में ना सही “जनहित“ में पनामा से जुड़े हुए तमाम तथ्यों को सार्वजनिक करेंगे ताकि प्रदेश की जनता सच से रूबरू हो सके।