रायपुर। नशे के खिलाफ IBC24 की लगातार चल रही मुहिम के बाद हरकत में आई पुलिस ने राजधानी के ड्रग्स नैक्सस पर हुई अब तक की कार्रवाई को साझा किया, लेकिन इस प्रेस ब्रीफ में बार-बार सवाल पूछने पर भी पुलिस ने कुछ सवालों का जवाब नहीं दिया। मसलन जब पुलिस पैडलर्स को दूसरे शहरों से पकड़कर ला सकती है तो फिर सारे नियम-कायदों को ताक पर ऱखकर रसूखदारों की अवैध पार्टी करवाने वाले क्वींस क्लब से संचालकों की गिरफ्तारी क्यों नहीं करती। अगर वो फरार हैं तो उन्हें फरार घोषित कर सख्ती क्यों नहीं बढ़ाती। आखिर क्या वजह है कि बार-बार क्लू मिलने के बाद भी पुलिस के लंबे हाथ नमित जैन और उनके परिवार के सदस्यों तक नहीं पहुंच पा रहे। आखिर ऐसा क्या और किसका दबाव है कि बीजेपी और कांग्रेस नेताओं के बार-बार जानकारी और ज्ञापन देने के बाद भी पुलिस जैन परिवार पर शिकंजा नहीं कस पा रही? बड़ी चिंता ये है अगर अब भी छोटी-मोटी गिरफ्तारियों के बाद भी काला कारोबार जारी रहता है तो छग की युवा पीढ़ी कहीं पंजाब की तरह नशे के दलदल में ना डूब जाए।
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नशे के खिलाफ आईबीसी 24 की मुहिम के बाद पुलिस प्रदेश में फैले ड्रग नैक्सेस के खिलाफ लगातार कार्रवाई कर रही है। बीते दिनो ड्रग पैडलर विकास बंछोर और श्रेयांस झाबक के बाद अब बिलासपुर से 7 और ड्रग पैडलर्स को 15 लाख रुपए से ज्यादा कीमत के 93.5 ग्राम एमडीएम पाउडर यानी एक्सेटेसी के साथ गिरफ्तार किया है। ड्रग की दुनिया में इसे मौली या मैंडी भी कहा जाता है गिरफ्तार ड्रग पैडलर के सरगना ने बताया की वो रायपुर की कई संस्थाओं को नाइट क्लब में ड्रग की डिलिवरी कर चुका है। रायपुर एसएसपी अजय यादव ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान बताया कि ड्रग्स पैडलर्स कोड वर्ड के जरिए नशे का कारोबार करते थे। बिलासपुर से गिरफ्तार अभिषेक शुक्ला उर्फ डेविड और मिन्हाज मेमन उर्फ ड्रग कारोबार के किंग पिन हैं, इस मामले में रायपुर के 5 अन्य ड्रग्स पैडलर के नाम भी सामने आए हैं जिन्हे जल्द गिरफ्तार कर लिया जाएगा।
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आईबीसी 24 लगातार नशे के खिलाफ अभियान चला रहा है। उसके बाद ही पुलिस हरकत में आई है और एक के बाद एक कार्रवाई कर रही है लेकिन एक तरफ जहां पुलिस दूसरे शहरों से आरोपियों को पकड़ कर ला रही है..वहीं दूसरी ओर उसके हाथ अब तक क्वींस क्लब के संचालकों तक क्यों नहीं पहुंच पाए हैं ये कहीं न कहीं पुलिस की कार्रवाई पर सवाल खड़ा करता है। आईबीसी 24 बार-बार ये सवाल कर रहा है कि लॉकडाउन के दौरान क्वींस क्लब में चोरी छिपे जो पार्टियां चल रही उनके ड्रग कनेक्शन की जांच क्यों नहीं हो रही क्योंकि जिस दिन रायपुर के होटल और फार्म हाउस में अवैध पार्टी चल रही थी उसी दिन मुख्य ड्रग तस्कर मोहम्मद मिन्हाज अपने साथी जीआरपी आरक्षक लक्ष्मण गाइन के साथ ड्रग सप्लाई करने रायपुर के वीआईपी रोड के पास स्थित होटलों के बीच पहुंचा था लेकिन क्वींस क्लब में गोलीकांड के बाद पुलिस का मुवमेंट तेज होने के बाद दोनों ड्रग तस्कर बिलासपुर भाग निकले। ये बात खुद मुख्य आरोपी मोहम्मद मिन्हाज ने कबूली है। ऐसे में अगर इस मामले को सिर्फ लॉकडाउन का उल्लंघन मानकर कार्रवाई की गई तो कहीं न कहीं रायपुर को उड़ता रायपुर बनाने वाले शहर में आजाद घूमते रहेंगे।
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हालांकि क्वींस क्लब मामले में प्रमुख संचालक नमित जैन, चंपालाल जैन और नेहा जैन को पुलिस ने 1 दिन पहले नोटिस दिया, इस दौरान तीनों अपने घर पर नहीं मिले पुलिस के मुताबिक आरोपी थाने पहुंचेंगे तो उनकी गिरफ्तारी होगी आखिर पुलिस इन्हें फरार क्यों घोषित नहीं करती ? सूत्रों की माने तो इन लोगों को खम्हारडीह के किसी बड़े आदमी के यहां अक्सर आते-जाते देखा गया है। कहीं ये वहीं तो नहीं छिपे हैं आखिर क्या वजह है कि कानून के हाथ नमित जैन और उनके परिवार के सदस्यों तक नहीं पहुंच पा रहे। इस तरह के लोगों का विरोध आम जनता को भी करना चाहिए। बीजेपी और कांग्रेस नेता जब बार-बार ज्ञापन दे रहे हैं तो उसके बाद भी पुलिस गिरफ्तार नहीं कर पार रही। चिंता इस बात की भी है कि इनका काला कारोबार अभी भी जारी है अगर इसे वक्त रहते नहीं रोका गया तो छग की युवा पीढ़ी पंजाब की तरह ही नशे के दलदल में चली जाएगी और युवाओं का भविष्य हमेशा के लिए अंधकार में खो जाएगा।