रायपुर। राज्य सरकार के सहकारी समितियों के पुनर्गठन के निर्णय पर हाईकोर्ट ने रोक दी है। भाजपा ने राज्य सरकार के इस कदम को असंवैधानिक निर्णय कहते हुए पहले ही विरोध किया था। हाईकोर्ट से स्टे मिलने के बाद आज एकात्म परिसर में भाजपाइयों ने जश्न मनाया। मामले पर बीजेपी सहकारिता प्रकोष्ठ के प्रदेश संयोजक अशोक बजाज ने बताया कि प्रभावितों ने याचिका दायर की थी।
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गौरतलब है कि राज्य सरकार प्रदेश की 1333 समितियों को भंग कर पुनर्गठन करने जा रही थी। राज्य सरकार के इस फैसले को करारा झटका देते हुए हाईकोर्ट ने रोक लगा दी है। कोर्ट ने दायर याचिका की सुनवाई करते हुए प्रदेश सरकार के आदेश को स्थगित कर दिया है। बता दें कि प्रदेश सरकार ने 27 जुलाई और 30 जुलाई को आदेश जारी कर कहा था कि सहकारी समितियों का पुनर्गठन किया जाए। इस आदेश के विरोध में रिट दायर की गई थी।
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हाईकोर्ट की डबल बैंच चीफ़ जस्टिस पी रामचंद्र और जस्टिस पी पी साहू की बेंच ने शासन के आदेश के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश जारी किया। याचिकाकर्ताओं की ओर से अधिवक्ता प्रफुल्ल भारत ने दलील रखी कि पुनर्गठन के नाम पर निर्वाचित प्रतिनिधियों को नही हटाया जा सकता, और उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार के इस निर्णय के पीछे राजनैतिक कारण है। बिलासपुर हाईकोर्ट ने एक माह के अंदर प्रदेश सरकार से जवाब मांगा है, जिसके बाद याचिका पर बहस की जाएगी।
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