सरकारी अस्पताल का एक और कारनामा, नसबंदी के बाद भी मां बनीं

सरकारी अस्पताल का एक और कारनामा, नसबंदी के बाद भी मां बनीं

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  • Publish Date - June 16, 2018 / 08:44 AM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:28 PM IST

पखांजूर। दुर्गुकोंदल ब्लॉक में  चार साल पहले नसबंदी कराने के बावजूद महिला के गर्भवती होने का मामला सामने आया है।यह मामला दुर्गुकोंदल के ग्राम पंचायत चिखली गांव का हैं। जहां के एक दम्पत्ति सनकु राम दर्रो के घर में  तीन बच्चे होने के बाद सनकु राम दर्रो ने चार वर्ष पूर्व दुर्गुकोंदल सामुदायिक अस्पताल में अपनी पत्नी का नसबंदी करवा दिया था। 

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परंतु नसबंदी होने के करीब  चार वर्ष बाद पत्नी गर्भवती हो गई है।दंपति ने नसबंदी होने के बावजूद महिला के गर्भवती होने की जानकारी कुछ ही महीने के बाद मितानिनों को और नजदीकी स्वास्थ्य केन्द्र को दी। लेकिन इन सब प्रक्रिया को करते -करते महिला को आठ माह बीत गया है.इस दौरान स्वास्थ्य विभाग से से न तो कोई जिम्मेदार अधिकारी दंपति  से मिलने आया और न उसकी कोई जांच करवाई गई है।वहीं स्वास्थ्य विभाग मामले की जानकारी नही होने का हवाला देते हुए अपना पल्ला झाड़ने में लगे हुए है ।इससे साफ जाहिर होता है कि शासन की योजनाओं को इस तरह की क्षति पूर्ति या राहत दिलाने मे विभागीय अमला कितनी गंभीर है ।

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बरहाल दम्पत्ति का कहना है कि तीन बच्चो के होने के बावजूद आर्थिक स्थिति सही नही होने के कारण उन्होंने नसबंदी करवा ली ताकि चौथा बच्चा न हो।परंतु दम्पत्ति को क्या पता कि शासकीय अस्पताल में कराया गया नसबंदी विफल हो जाएगा ।और अपनी पत्नी के आठ महीने के गर्भवती होने पर पति सनकु राम दर्रो अनचाहे होने वाले अपने चौथे बच्चे के भविष्य को लेकर बेहद परेशान है।सनकु राम दर्रो ने बताया कि आधुनिक व महंगाई के इस दौर में खुद को और तीन बच्चो को पालना और जरूरतों को पूरा करना काफी मुश्किल हो रहा हैं।वहीं चौथे बच्चे के होने से उसका भरण पोषण कैसे करूंगा।और बच्चे के बड़े होने पर उसकी तमाम जिम्मेदारियो को कैसे निर्वहन करूँगा जो कि हमारे दाम्पत्य जीवन के लिए एक बहुत बड़ी चुनौती साबित हो रही है।सनकु राम ने शासकीय अस्पताल में कराए गए नसबंदी के विफल हो जाने पर इसे प्रशासनिक लापरवाही का हवाला देते हुए मुआवजे की मांग की है।

 

 

वेब डेस्क IBC24