रायपुर। सदियों से गोबर पूजा-पाठ, पोताई और खाद जैसे अन्य चीजों के रूप में उपयोग किया जाता रहा है। लेकिन इन दिनों गोबर सियासत का हॉट टॉपिक बना हुआ है। केंद्र की मोदी सरकार ने गोबर से बनी पेंट लॉन्च की है,तो छत्तीसगढ़ की भूपेश सरकार ने केंद्र पर आइडिया कॉपी करने का आरोप लगाते हुए कहा कि गोबर खरीदी की योजना हमारी है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने उन बीजेपी नेताओं को भी आड़े हाथों लिया, जिन्होंने पहले गोबर खरीदी योजना का मजाक उड़ाया था। हालांकि बीजेपी ने भी जवाबी हमला किया। छत्तीसगढ़ में गोबर पर मचे सियासी गदर पर दोनों पक्षों से चर्चा करेंगे।
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दिल्ली में मंगलवार को केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने गाय के गोबर से बने प्राकृतिक पेंट को लॉन्च किया। लॉन्चिंग के मौके पर नितिन गडकरी ने कहा कि इसका मकसद किसानों की आमदनी को बढ़ाना है..इस अवसर पर मौजूद केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने छत्तीसगढ़ सरकार का नाम लिए बग़ैर कहा कि एक सरकार दो रुपये किलो में गोबर ख़रीद कर करोड़ों रुपये विज्ञापन पर खर्च कर रही है उन्हें नहीं मालूम MSE के तहत पांच रुपये किलो में गोबर ख़रीदी होगी।
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दिल्ली में गोबर से बने वेदिक पेंट की लॉन्चिंग हुई तो हजारों किमी दूर रायपुर से इसे लेकर प्रतिक्रिया सामने आई। छत्तीसगढ़ सरकार के मुखिया भूपेश बघेल ने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि गोबर योजना हमारी है। केंद्र उसका ही अनुसरण कर रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार को जितना गोबर चाहिए हम देंगे। अगर केन्द्र सरकार 5 रुपए में गोबर खरीदेगी तो किसानों को फायदा होगा। सीएम बघेल ने उन बीजेपी नेताओं पर भी तंज कसा जिन्होंने गोबर को लेकर छत्तीसगढ़ का सरकार का मजाक उड़ाते हुए बयान दिये था।
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मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने गोबर पेंट के बहाने विपक्ष पर निशाना साधा तो बीजेपी नेताओं ने भी पलटवार करते हुए कहा कि अगर कांग्रेस सरकार गोधन न्याय योजना को अपनी योजना बताती है तो फिर केंद्र सरकार से उम्मीद क्यों रख रहे हैं। बीजेपी ने कहाकि राज्य सरकार की ये योजना बिहार के चारा घोटाले की तरह साबित होगी ।
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बहरहाल गाय और गोबर पर कांग्रेस-बीजेपी में श्रेय लेने होड़ मची है। आरोप-प्रत्यारोप के तीर चल रहे हैं। बहरहाल उम्मीद है भविष्य में किसानों और गौपालकों को इससे फायदा जरूर होगा, लेकिन बड़ा सवाल तो ये है कि दिल्ली से लेकर रायपुर तक गोबर पर जो सियासी रार मचा है। उसका शोर कब तक सुनाई देता है।