Bhopal weather news in Hindi : भोपाल। बंगाल की खाड़ी में बने कम दबाव के क्षेत्र से मध्यप्रदेश में भी बेमौसम बारिश हो रही है। पिछले 24 घंटे के दौरान राज्य के कई जिलों में बारिश हुई है। वहीं कई जिलों में बिजली चमकने और गरज की आशंका के बीच मौसम विभाग ने येलो अलर्ट जारी किया गया है।
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मौसम बदलने के बाद दिन का तापामन कम हो गया है, वहीं रात का तापमान बढ़ गया है। मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि सिस्टम का अधिक प्रभाव प्रदेश के ग्वालियर, चंबल, इंदौर और उज्जैन संभाग में अधिक हुआ है। शुक्रवार शाम को राजधानी के वर्षा दर्ज की गई।
आज से इस सिस्टम का प्रभाव कम होने लगेगा। बादल छंटने के साथ ही रात के पारे में गिरावट होगी और ठंड़क बढ़ेगी।
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प्रदेश के बड़े शहरों में आज कुछ इस तरह का हो सकता है मौसम…
भोपाल
भोपाल में आज मैक्सिमम तापमान 28 डिग्री सेल्सियस और मिनिमम तापमान 16 डिग्री सेल्सियस रहने का अनुमान है। कोहरा छाया रहेगा। बीच-बीच में बादल के छाए रहने की भी संभावना है। भोपाल की वायु गुणवत्ता सूचकांक 119 दर्ज किया गया है।
इंदौर
इंदौर में आज मैक्सिमम तापमान 30 डिग्री सेल्सियस और मिनिमम तापमान 15 डिग्री सेल्सियस रहने का अनुमान है। आंधी के साथ-साथ बारिश की भी संभावना है। इंदौर की वायु गुणवत्ता सूचकांक 102 रिकॉर्ड किया गया है।
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जबलपुर
जबलपुर में आज मैक्सिमम तापमान 30 डिग्री सेल्सियस और मिनिमम तापमान 16 डिग्री सेल्सियस रहने का अनुमान है. बादल छाए रहने की संभावना है. वायु गुणवत्ता सूचकांक 127 है।
ग्वालियर
ग्वालियर में रात 8:30 बजे तक 1.5 मिलीमीटर बारिश रिकार्ड की गई। सुबह 8.30 बजे तक 0.6 मिमी बारिश हुई थी। जिले के डबरा और भितरवार में बूंदाबांदी के चलते खेताें में कटी पड़ी फसल काे नुकसान हाेने की आशंका है।
उधर शिवपुरी में 24 घंटे के दाैरान 6.9 मिमी बारिश दर्ज की गई। यहां शनिवार काे सुबह 6.30 बजे से घंटे तक तेज बारिश का दाैर रहा। अंचल के दतिया और श्याेपुर में भी रह-रहकर बूंदाबांदी हाेती रही। माैसम विभाग ने बताया कि इस बदलाव की वजह, तमिलनाडु और कर्नाटक में निम्न दाव का क्षेत्र कमजोर होकर चक्रवातीय परिसंचरण में बदल गया है।
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माैसम वैज्ञानिक सीके उपाध्याय के मुताबिक 21 नवंबर की दोपहर बाद बादलों का धीरे-धीरे जाना शुरू होगा। अभी उत्तर-पश्चिमी हवा चलेगी। इससे आसमान साफ होते ही ठंड बढ़ेगी। उत्तरी हवा के प्रवेश के साथ ही ठंडक बढ़ेगी।
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मौसम में आए बदलाव से धान पैदावार किसानों की चिंता बढ़ गई है। उन्हें डर है कि अगर बारिश हुई तो खेत में खड़ी तथा कटी हुई धान काली पड़ जाएगी। इससे क्वालिटी में गिरावट आएगी। धान का रकबा सर्वाधिक डबरा-भितरवार ब्लॉक में है। उप संचालक कृषि एमके शर्मा ने कहा कि बारिश तेज होने पर धान को नुकसान की स्थिति बनेगी पर अभी हालात सामान्य हैं।