हत्या के मामले में पूर्व विधायक गिरफ्तार, शादी के लिए दबाव बनाने पर प्रेमिका और बेटी को उतार दिया था मौत के घाट

हत्या के मामले में पूर्व विधायक गिरफ्तार, शादी के लिए दबाव बनाने पर प्रेमिका और बेटी को उतार दिया था मौत के घाट

  •  
  • Publish Date - February 14, 2020 / 04:00 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:54 PM IST

रायगढ़: जिले के संबलपुर इलाके में तीन साल पहले हुए युवतियों के डबल मर्डर मामले में पुलिस ने ओडिसा के पूर्व विधायक व बीजेडी नेता अनुप साय को गिरफ्तार किया है। अनूप साय को हत्या का मुख्य आरोपी मानते हुए पुलिस ने उसके खिलाफ धारा 302, 120 बी और 201 के तहत मामला दर्ज किया है। पुलिस ने पूर्व विधायक को बुधवार को ही पूछताछ के लिए हिरासत में लिया था। पूछताछ में पूर्व विधायक ने हत्या की बात कबूल कर ली, जिसके बाद उनके खिलाफ मामला दर्ज किया गया।

Read More: बुंदेलखंड पैकेज आर्थिक घोटाले में ईओडब्ल्यू ने दर्ज किया मामला, वन विभाग और पीएचई के अफसरों के खिलाफ दो प्राथमिकी दर्ज

पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार पूर्व विधायक ने अवैध संबंधों के चलते युवती और उसकी बेटी की हत्या की थी। ज्ञात हो कि पूर्व विधायक अनूप साय का कल्पना दास के साथ अवैध संबंध था। कल्पना की एक 14 साल की बेटी भी थी। पुलिस के मुताबिक महिला आरोपी को शादी करने के नाम पर दबाव डाल रही थी, और ब्लैक मेल भी कर रही थी। इससे परेशान होकर पूर्व विधायक ने दोनों को घूमने के बहाने रायगढ़ के जंगलों में ले जाकर राड से हत्या कर दी और फिर शव की पहचान छिपाने के लिए कार से रौंद दिया। इस पूरे मामले में पुलिस पिछले तीन सालों से आरोपी के खिलाफ सबूत जुटा रही थी। लेकिन राजनैतिक रसूख के चलते जांच में दिक्कतें आ रही थी। पुलिस ने जांच के लिए तकरीबन 7 सौ लोगों से पूछताछ की जिसके बाद पर्याप्त सबूत मिलने पर साय को गिरफ्तार किया गया।

Read More: वेलेंटाइन डे पर बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने जबर्दस्ती करवा दी प्रेमी जोड़े की शादी, पार्कों में जमकर मचाया उत्पात

खास बात ये है कि पुलिस ने युवतियों की पहचान के लिए डीएनए टेस्ट कराया था, जिसमें एक साल के बाद युवतियों की शिनाख्त हो पाई थी। अब पुलिस इस मामले में आरोपी अनूप साय के नार्को टेस्ट कराने की तैयारी कर रही है। खास बात ये है कि अऩूप साय उडीसा के प्रभावशाली नेता हैं और वेयर हाउस कारपोरेशन के चेयरमैन थे। हालांकि कल गिरफ्तारी के बाद उन्हें चेयरमैन पद से हटाने के साथ ही साथ बीजेडी की प्राथमिक सदस्यता भी समाप्त कर दी गई है।

Read More: कर्मचारी महासंघ ने इन 5 सूत्रीय मांगों को लेकर किया प्रदर्शन, बड़े स्तर पर आंदोलन और विधानसभा घेराव की दी चेतावनी