लोरमी: दीवाली से पहले छत्तीसगढ़ शासन ने प्रदेश की जनता को एक और बड़ी सौगात दी है। भूपेश कैबिनेट के खाद्य मंत्री अमरजीत भगत ने मंगलवार को ऐलान किया है कि प्रदेश के अनुसूचित क्षेत्रों के 85 ब्लॉक में जल्द ही नई योजना की शुरुआत होगी। इस नई योजना के तहत अब इन क्षेत्र के निवास करने वालों को पीडीएस में चना के साथ-साथ अब गुड़ का भी वितरण किया जाएगा। इस दौरान उन्होंने यह भी कहा है कि कुपोषण और एनीमिया के खिलाफ लड़ाई में इससे बड़ा कोई कदम नहीं हो सकता।
गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ सरकार ने महात्मा गांधी की 150वीं जयंती पर पूरे प्रदेश में कुपोषण मुक्ति अभियान की शुरुआत की थी। इस योजना के तहत सरकार ने प्रदेश के गरीबी रेखा से निचे जीवन यापन करने वालों को सुपोषित भोजन परोसने का फैसला लिया है।
क्या है सुपोषण योजना
छत्तीसगढ़ में लगभग 40 प्रतिशत आबादी गरीबी रेखा के नीचे निवास करती है। इतनी बड़ी आबादी को स्वस्थ और निरोग रखने के लिए जरूरी है कि उन्हें भोजन में सभी प्रकार के पोषक तत्व मिले। सिर्फ सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत मिलने वाला चावल पर्याप्त नहीं है। पेट भर जाने से ही किसी का शारीरिक और मानसिक विकास भली भांति हो जाए यह संभव नहीं है। राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वे के अनुसार आज छत्तीसगढ़ में पांच वर्ष से कम आयु के 37.6 प्रतिशत बच्चे कुपोषित हैं और 15 से 49 वर्ष की 41.5 प्रतिशत महिलाएं एनिमिया से पीड़ित हैं। विकास के मायने का लाभ तभी मिल सकेगा जब छत्तीसगढ़ के लोग शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ हों, उनका योगदान देश की अर्थ व्यवस्था में मिल सके।
बस्तर सहित प्रदेश के वनांचल की कुछ ग्राम पंचायतों में पायलट प्रोजेक्ट के रूप में सुपोषण अभियान बीते जून माह से प्रारंभ किया गया। जिसके तहत पंचायतों और महिला स्व-सहायता समूहों के माध्यम से कुपोषित बच्चों और एनीमिक महिलाओं को गर्म और पौष्टिक भोजन प्रतिदिन उपलब्ध कराया जा रहा है। इस पहल का बहुत ही अच्छा प्रतिसाद मिला जिसे देखते हुए राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की जयंती से पूरे प्रदेश में मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान शुरू किया जा रहा है। इस अभियान के तहत आगामी तीन वर्ष में प्रदेश को कुपोषण और एनिमिया के कलंक से मुक्ति की रणनीति तैयार की गई है। इस रणनीति में 0 से 5 वर्ष के कुपोषित बच्चों और कुपोषण और एनिमिया से पीड़ित 15 से 49 वर्ष की महिलाओं को पंचायतों और महिला समूहों के माध्यम से पौष्टिक गर्म भोजन उपलब्ध कराया जाएगा। इस अभियान में अधिक से अधिक जनभागीदारी सुनिश्चित की जाएगी ताकि यह अपने उद्देश्य में सफल हो सके।
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